
ऑनकॉल डॉक्टरों की व्यवस्था से रोगी परेशान
सदर अस्पताल में ऑन कॉल डाक्टरों की व्यवस्था से इलाजरत रोगियों के साथ-साथ इलाज कराने आये रोगियों व उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वैसे तो हर दिन रात के 9 बजे से अगले दिन सुबह के 9 बजे तक ऑन कॉल डाक्टरों की व्यवस्था है। इस समय में भर्ती रोगियों को स्थिति गंभीर होने व रोगों द्वारा ज्यादा सताने पर इलाज के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। लेकिन सबसे अधिक परेशानी शनिवार की रात 9 बजे से लेकर सोमवार की सुबह 8 बजे तक ऑन कॉल पर डॉक्टर रहते हैं। यानि 35 घंटे तक सदर अस्पताल के 137 भर्ती रोगियों के इलाज के लिए सदर अस्पताल में मात्र एक डाक्टर की व्यवस्था रहती है। जिससे न केवल तैनात डाक्टर रहते हैं बल्कि भर्ती रोगियों के साथ-साथ इलाज को पहुंचे आपातकालीन सेवा के रोगी व प्रसुताओं को इलाज में समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी प्रसव सेवा प्राप्त करने वाले रोगियों को होती है।
क्या होती है परेशानी: सदर अस्पताल में ऑन कॉल डाक्टरों की व्यवस्था रहने से भर्ती रोगियों को ज्यादा परेशान होना पड़ता है। इससे ज्यादा परेशानी प्रसुताओं को होता है। रात के समय जब भी कोई प्रसुता प्रसव के लिए आती है और उनकी स्थिति गंभीर रहा तो ऑन ड्यूटी स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा ही रेफर कर दिया जाता है। कभी-कभी ऐसा देखा गया है कि जब तक स्वास्थ्य कर्मियों के बुलाने पर ऑन कॉल डॅाक्टर आते हैं तब तक या तो जच्चा की जान चले जाती है या फिर बच्चा की जान। कुछ ही ऐसे डाक्टर हैं जो समय पर रात में ऑन कॉल पहुंच जाते हैं। वार्डों में इलाजरत रोगियों को भी इलाज के लिए काफी भटकना पड़ता है। रात के समय जब भर्ती रोगियों की हालत खराब होती है और उसी समय आपातकालीन सेवा में रोगी इलाज के लिए आ जाते हैं तो तैनात मात्र एक डॉक्टर के सामने यह निर्णय लेने में परेशानी होती है कि इलाज को पहुंचे रोगी के सेवा पहले करें या गंभीर स्थिति से जूझ रहे भर्ती रोगी का। इस परिस्थिति में रोगी के परिजन हंगामा भी करते रहे हैं। अस्पताल में अब यह आम बात सी हो गई है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा।
कई जिला पदाधिकारी स्थाई डाक्टर को तैनात करने का कर चुके हैं प्रयास
सदर अस्पताल में रात के समय प्रसव वार्ड में ऑन कॉल के बदले स्थाई डाक्टर की तैनाती के लिए कई जिला पदाधिकारी प्रयास कर चुके हैं। पिछले समय के डीएम अश्वनी दत्ता त्रेय ठकरे, वीरेंद्र कुमार, प्रकाश कुमार, मिथिलेश कुमार मिश्र आदि जिला पदाधिकारी द्वारा प्रसव व्यवस्था में रात के समय स्थाई तौर पर अस्पताल में डाक्टर को तैनात करने के लिए सीएस को पत्राचार किया था। लेकिन आज तक उनके पत्रों का कोई असर नहीं हुआ। वर्तमान डीएम पूनम ने भी उक्त प्रयास को आगे बढ़ाया है। उनके आदेश को एक माह से अधिक समय हो गया लेकिन आज तक रात के समय प्रसव वार्ड में तैनात नहीं किए गये।
स्रोत-हिन्दुस्तान