लाखों की ओआरएस हो गयी एक्सपायर
सदर अस्पताल में दवा प्रकरण से जुड़ा मामला ठंडाने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन दवा से संबंधित मामला सामने आ रहा है। शनिवार को हद तो तब हो गई जब एक लाख रु पये से अधिक किमत की ओआरएस एक्सपायर होकर अस्पताल परिसर में रखे जाने का मामला सामने आया।
बीएमएसआईसीएल द्वारा भेजी गई 100 से अधिक काटून जुलाई माह में एक्सपायर हो चुकी है। उसे वैसे दवा के साथ रखा गया जो 2021 में एक्सपायर होने वाला है। इतना ही नहीं एक्सपायरी दवा की रखरखाव बेहतर नहीं रहने से करीब 50 से अधिक काटून ओआरएस बारिश में भिंगने के लिए छोड़दिया गया।
जानकारी के अनुसार फ रवरी 2018 में उक्त ओआरएस का निर्माण किया गया है। जबकि जुलाई 2019 को एक्सपायर हो चुकी है। ऐसे में यह जांच का विषय है। जब डेढ़ साल बाद ही ओआरएस एक्सपायर होने वाली थी तो आखिर उसे स्वास्थ्य विभाग को संबंधित कंपनी द्वारा क्यों उपलब्ध कराया गया। यदि उपलब्ध कराया भी गया तो उसे स्वास्थ्य विभाग ने क्यों रख लिया। उसे वापस क्यों नहीं कर दिया।
शनिवार को जिला दवा भंडार केंद्र के सामने रखी गई लाखों की नन एक्सपायर कफ सीरफ, विटामिन, टेबलेट, डीएनएस, आरएल पानी रखा हुआ है। जिसमें से कई आरएल पानी की बोतलें शौचालय के पास बारिश में लावारिश अवस्था में पड़ा हुआ था। ये दवाएं यदि जरूरतमंदों के पास पहुंचती तो कितना सही रहता। जीवन देने वाली दवा की ऐसी हालत के लिए व्यस्था को लोक जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। आरएल की बोतल पर बीएमएसआईसीएल लिखा हुआ है। उस पर बैच नंबर,बनाने की तिथि और एक्सपायर होने की तिथि नहीं है। जबकि दवा निरीक्षक ए.के रसिक ने बताया कि बिना बैच नंबर की दवा असली नहीं हो सकती है। चाहे उस पर किसी कंपनी का नाम लिखा हुआ है। दो दिन पहले ही सिविल सर्जन डा. मुरर्तजा अली ने दवा भंडार केंद्र का निरीक्षण कर एक्सपायर और नन एक्सपायर दवा को बेहतर तरीके से रखने का आदेश दिया था। इसके भी कई प्रकार की उक्त दवाओं की हालत जस की तस बनी हुई है।
स्रोत-हिन्दुस्तान