480 लंबित मामलों का हुआ निष्पादन
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीयकृत बैंकों के लम्बित ऋण समेत दावा वाद व अन्य मामलों में पक्षकारों से दो करोड़ 86 लाख 81 हजार एक सौ अठाईस रुपयों पर समझौता हुई।
लोक अदालत का उदघाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। राष्ट्रीय लोक अदालत के समापन के बाद सचिव सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि लोक अदालत में गठित दस बेंचों में शनिवार को बैंक ऋण सहित अन्य लम्बित 480 मामलों का द्विपक्षीय समझौता के बाद निष्पादन किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीयकृत बैंकों मेंे भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों ने 341 लम्बित ऋण सम्बंधित मामलों में पक्षकारों से 2 करोड़ 1 लाख 89 हजार 128 रुपये पर समझौता किया।
वहीं बीमा दावा, विद्युत बकाया बिल के आठ पक्षकारों से 84 लाख 92 हजार रुपये पर समझौता किया गया। सचिव श्री सिन्हा ने बताया कि भारत संचार निगम लिमिटेड में 56 बकायोदारों से 75 हजार 80रुपये पर समझौता हुआ। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में आम आदमी को सुगमता पूर्वक उनके मामलों का निबटारा हो सके। इसकी पुख्ता इंतजाम की गयी थी। न्यायिक अधिकारी भी लोगों के समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर थे। लोक अदालत में गठित दस बेंचों में पीठासीन पदाधिकारी के रुप में प्रधान न्यायाधीश विष्णुदेव उपाध्याय, अपर जिला सत्र न्यायाधीश ऋषि कुमार सिंह ,पवन कुमार झा, नीरज कुमार, सुशील कुमार त्रिपाठी, सीजेएम अनिल कुमार, एसीजेएम संतोष कुमार झा, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी जयश्री कुमारी, बारसोई के मुंसिफ आदित्य कु मार सिंह प्रतिनियुक्त थे। पैनल सदस्यों में साधना सिंह, नंदा सांमत समेत दस सदस्य मौजूद थे।
स्रोत-हिन्दुस्तान