
प्रखंड के कई पंचायतों के गांव से होकर गुजरने वाली नहरों का अतिक्रमण से किसानों को खेती के समय सिंचाई के लिए नहर से पानी नहीं मिल पा रहा है। लोगों के द्वारा अतिक्रमण किये जाने से नहर का अस्तित्व समाप्त हो गया है। अतिक्रमण के कारण इन नहरों में पानी नहीं आती। कुछ नहर जो गंगा कोसी बरंड नदी और कारी कोसी से जुड़ा हुआ है। खेती के समय सिंचाई करते थे। लोगों ने कही नहर को भरकर रास्ता बनाया दिया है तो कही नहर भरकर मकान तो कही सड़क का निर्माण करा दिया है। इस तरह की समस्या बरारी प्रखंड के क्षेत्र में अधिक है। हालांकि नहरों के भरे जाने का यह अकेला मामला नहीं है। बरारी प्रखंड मे एक दर्जन जगहों पर मिट्टी भरकर अवरुद्ध कर दिया गया है।सरकार ने 70 के दशक में गांवों में नहरों का जाल बिछाया था। जिससे कि किसानों को समय पर खेती के लिए पानी दिया जा सके। कुछ वर्षो तक इन नहरों में पानी आता रहा।जिससे आस पास के खेतों में हरियाली रहती थी।बाद में देखरेख और साफ-सफाई व अतिक्रमण के कारण नहर बंद हो गया है।नहरों के अवरुद्ध होने से किसानों को पानी नही मिल रहा है। जिसके कारण किसान को वैकल्पिक संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है।