
बाढ़ में ध्वस्त दो प्रमंडलों को जोड़नेवाली मार्ग नहीं बनी
राज्य के दो प्रमंडल क्रमश: पूर्णिया एवं भागलपुर को जोड़नेवाली प्रधानमंत्री सड़क जर्जर रहने के कारण छह पंचायत के लगभग 17 हजार की आबादी को आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ रही है। सड़क, स्वास्थ्य एवं शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान विकसित समाज के लिए जरूरी है।
राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा आमलोगों के आवागमन की सुविधा बहाल करने के लिए सड़कों की जाल बिछाई जा रही है। जबकि इन दो प्रमंडल के लोगों को भागलपुर जाने के लिए लूप लाईन के तर्ज पर कटरिया से चांयटोला, शेरमारी वाया आजमाबाद होकर इस पथ को विक्रमशिला सेतु से जोड़ा गया था। साथ ही एनएच 31 चापर चौक से खरवारटोला, चांयटोला एवं गोपालपुर होकर राष्ट्रीय राजमार्ग तेतरी से जोड़ा गया है। ताकि अगर एनएच पर जाम की समस्या हो तो यात्री आसानी से इस पथ होकर भागलपुर की यात्रा कर सकते हैं। उक्त पथ पर शेरमारी के समीप वर्ष 2017 एवं 2019 में बाढ़ के पानी का दवाब बढ़ने के कारण सड़क टूट गई थी। जिससे 8 हजार की आबादी को असमय बाढ़ का दंश झेलना पड़ा। इतना ही नहीं सड़क मरम्मति के बाद फिर इस साल उक्त स्थल पर ही पानी के दवाब से कट जाना कहीं न कहीं विभागीय उदासीनता को दर्शाता है। इसी तर्ज पर चापर से खेरवार टोला जानेवाली पथ पर पुल पुलिया व सड़क वर्ष 2017 में टूट जाने के बाद जहां मरम्मति नहीं हुई । इस वर्ष भी पुल ध्वस्त हो जाने के कारण इस परिक्षेत्र के लोगों को आवागमन के साथ-साथ फसल को मंडी में भेजने में परेशानी होती है। जिसके कारण औने-पौने दाम में किसान को अपनी फसल बेचने के लिए विवश होना पड़ता है। जिलाधिकारी पूनम के निर्देश पर बाढ़ के बाद शेरमारी कटिंग के समीप चचरी का पुल बनाकर आवागमन बहाल किया गया है। इससे लोगों को थोड़ी बहुत राहत मिली है।