कटिहार (बिहार):
बिहार के कटिहार जिले में एक असाधारण प्रशासनिक घटनाक्रम सामने आया है। बारसोई के प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) हरिओम शरण ने बारसोई अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) दीक्षित स्वेतम पर गंभीर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जिला पदाधिकारी (DM) को पांच पन्नों का इस्तीफा पत्र सौंप दिया है। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और पूरे प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मचा दिया है।
📢 क्या लिखा BDO ने अपने इस्तीफे में?
हरिओम शरण ने आरोप लगाया कि वे निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के अंतर्गत पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। इसके बावजूद SDO द्वारा उन्हें लगातार “कामचोर, सुस्त और रुचिहीन” कहा जाता रहा।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा,
“मैं कमर दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हूं, जिसकी जानकारी SDO को भी है, फिर भी मैं रोजाना 10–12 पंचायतों का दौरा कर डिजिटाइजेशन कैंपों की निगरानी कर रहा हूं।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वे ग्रुप में लगातार फील्ड विजिट की तस्वीरें साझा करते हैं, लेकिन SDO का व्यवहार अपमानजनक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाला रहा है।
🗣️ SDO दीक्षित स्वेतम ने क्या कहा?
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए SDO दीक्षित स्वेतम ने कहा:
“आरोप निराधार हैं। निर्वाचन आयोग का काम सर्वोपरि है और उसमें तेजी लाने का निर्देश हर स्तर पर मिल रहा है। अधीनस्थों को मोटिवेट करना प्रशासनिक जिम्मेदारी है।”
🔎 प्रशासनिक हलकों में हलचल
इस घटनाक्रम ने बिहार प्रशासनिक प्रणाली की आंतरिक चुनौतियों को उजागर किया है। चुनाव जैसे संवेदनशील कार्य में तनाव, दबाव और संवादहीनता की स्थिति पर गंभीर सवाल उठे हैं।
📌 निष्कर्ष:
इस घटना ने यह संकेत दिया है कि प्रशासनिक अधिकारी तनावपूर्ण कार्य परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कितना संघर्ष कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि DM स्तर पर जांच होती है या नहीं, और क्या BDO का इस्तीफा मंजूर किया जाएगा या कोई समाधान निकालने की कोशिश होगी।



