आजमनगर (कटिहार):
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना “हर घर नल का जल” आजमनगर प्रखंड में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। योजना के तहत लगभग सभी पंचायतों में नल व पाइपलाइन तो बिछाए गए हैं, लेकिन आज तक लोगों को एक बूंद भी शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हुआ।
प्रखंड के 28 पंचायतों के करीब 350 वार्डों में नल लगाए गए, लेकिन जलापूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि घरों में लगाए गए नल अब सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं। कुछ परिवार तो नलों का इस्तेमाल जानवरों को बांधने के लिए कर रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस योजना में भारी भ्रष्टाचार और लूट-खसोट हुई है। ठेकेदारों ने पाइपलाइन बिछाने के नाम पर घटिया क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किया। पाइप को तीन फुट गहराई पर डालने का प्रावधान था, लेकिन महज 10-12 इंच पर ही पाइप डालकर काम अधूरा छोड़ दिया गया।
आजमनगर, चौलहर, अमरसिंहपुर, दनिहां और मर्वतपुर पंचायतों के ग्रामीणों का कहना है कि लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद योजना फाइलों तक ही सीमित रह गई है। सड़क चौड़ीकरण के दौरान कई जगह पाइपलाइन उखाड़ दी गई, लेकिन विभाग ने उसे दोबारा ठीक नहीं कराया।
ग्रामीणों अशरफ रज़ा, शहादत हुसैन, चंद्रकिशोर राम, दीपक कुमार, निर्मला देवी, शांति देवी, पायल कुमारी और अन्य ने बताया कि योजना का लाभ आज तक नहीं मिला। उनका आरोप है कि संवेदक भुगतान लेकर फरार हो गए और अब तक किसी ने सुध तक नहीं ली।
स्थानीय मुखियाओं का कहना है कि इस योजना में मुखिया की कोई भागीदारी नहीं है। संवेदकों ने नौकरी देने के नाम पर ग्रामीणों से जमीन और पैसे वसूल लिए, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया।
ग्रामीणों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि आज तक नल-जल योजना के जिम्मेदार जेई (जूनियर इंजीनियर) को भी किसी ने नहीं देखा।



