
श्री नीतीश कुमार की व्यवस्थित और दीर्घ भाषण में आज के निश्चय संवाद रैली को ऐतिहासिक बना दिया। ऐसा पहली बार हुआ कि तकनीकी माध्यम के जरिए। हमने शहर से लेकर सुदूर के लाखों लोगों से संवाद स्थापित किया गया है। आज कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। बिहार भी इससे अछूता नहीं है. आज ऐसे विकट समय में भी सरकार के बेहतर मैनेजमेंट के कारण जनता में बीमारी से लड़ने का आत्मविश्वास है. नीतीश जी ने आज फिर दोहराया कि सरकारी कोष पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. यह सेवा भाव ही हमारी सरकार को खास बनाता है. प्रवासी 15 लाख लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर जिस तरह की सेवा की गई. वह बेमिसाल है ऐसी व्यवस्था शायद ही किसी अन्य राज्य में हुई हो. आज कोरोना रिकवरी रेट 88 फ़ीसदी से अधिक है. यह बेहद संतोषजनक है. कोरोना के साथ-साथ भयंकर बाढ़ की विभीषिका ने बिहार को इस वर्ष तबाह किया है. बाढ़ पीड़ितों के लिए हर तरह की व्यवस्था सरकार ने तुरंत किए. राहत सामग्री बटवाने से लेकर भोजन वितरण, सिबिर लगाने तक सरकार ने बेजोड़ काम किया. सात निश्चय , जल जीवन हरियाली, मानव श्रृंखला, महिला आरक्षण, शराबबंदी, दहेज बंदी, बाल विवाह, निषेध कानून आदि या सब कुछ सरकार ने लागू किया है लाखों की संख्या में अलग-अलग विभागों में नौकरी से लेकर पुल पुलिया सड़क निर्माण बेहतर स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था सरकार कि बीते वर्षो की उपलब्धियां रही है।