
15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों के परिचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक
राज्य सरकार द्वारा मंगलवार से ही 15 साल पुरानी वाहनों के सरकारी कार्य में परिचालन को लेकर प्रतिबंध लगा दी है।
सरकार ने यह फैसला पर्यावरण के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है। जिले में वर्ष 2004 के पूर्व क्रय किये गये वाहनों में फिटनेश की स्थिति को देखते हुए तथा इससे निकलने वाले धुंए से वायु व ध्वनि प्रदूषण से निबटने के लिए सख्त कदम उठायी है। नियम लागू होने के साथ ही जिला परिवहन विभाग एवं मोटरयान निरीक्षक ने अपनी कवायद तेज कर दी है। बताते चलें कि जिले में 15 वर्ष पुरानी वाहनों की संख्या सर्वाधिक एक लाख 94 हजार 210 है जबकि व्यवसायिक वाहनों की संख्या 8 हजार 115 है। बताया जाता है कि परिवहन विभाग के राजस्व मारने के उद्देश्य से निजी वाहन मालिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन तो निजी कराकर अपने प्रयोग में लाने की बात करते हैं। जबकि इसमें से 90 प्रतिशत वाहन मालिक अपने वाहनों का प्रयोग व्यवसायिक रुप में करते हैं। सरकारी विभाग में बीएसएनएल में व्यवसायिक वाहनों का प्रयोग किया जाता है। जबकि अन्य विभागों रेलवे, शिक्षा, ग्रामीण विकास विभाग सहित सभी विभागों में निजी वाहनों का प्रयोग भाडे़ के रुप में किया जा रहा है। ऐसे में कागजों पर फिटनेश प्रमाण पत्र बनवाने की बात करें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
सरकारी विभागों में 112 है 15 वर्ष पुरानी गाड़ी: जिला परिवहन कार्यालय में सरकारी कार्यालय में प्रयोग होनेवाली 15 साल पुराने वाहनों का ब्यौरा नहीं रहने के कारण अधिकृत ब्यौरा उपलब्ध नहीं हो सका।
स्रोत-हिन्दुस्तान