
निगरानी टीम ने की पथ निर्माण कर्मी से पूछताछ
सोमवार की शाम करीब पांच बजकर 30 मिनट पर भागलपुर से निगरानी विभाग की टीम ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय पहुंचे। इससे विभागीय अभियंताओं में हड़कंप मच गया। अचानक निगरानी की टीम पहुंचने से विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों भौंचक रह गये।
निगरानी टीम के नेतृत्व कर रहे डीएसपी एसके सरोज करीब एक घंटे तक विभागीय कार्यालय के बड़ा बाबू, कोषाध्यक्ष व अन्य अधिकारियों एव ंचतुर्थवर्गीय कर्मचारियों से पूछताछ की। डीएसपी श्री सरोज ने बताया कि 18 नंवबर को निखिल कुमार के लिखित शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पटना में कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार गुप्ता को 16 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था।
इस कांड का अनुसंधानकर्ता के क्रम में वह कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में कुछ अभिलेखों के बारे में जानकारी लेने आये हैं। उन्होंने कहा कि तीन अलग-अलग प्रकार के अभिलेखों का सत्यापित फॉटो कॉपी बरामद किया गया है। सभी संबंधित कागजातों को उसे सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया है। संबंधित कागजात खोने पर संबंधित कर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी। डीएसपी ने पथ निर्माण विभाग के कोषाध्यक्ष राकेश रंजन मधुकर से कई प्रकार का सवाल पूछे। डीएसपी ने पूछा कि विभागीय कार्य से जुड़े लोगों द्वारा बिल जमा करने के बाद किस प्रकिया के तहत तथा कितने समय में बिल से संबंधित राशि का भुगतान किया जाता है। निखिल कुमार से संबंधित बिल कब जमा किया गया। जब जमा किया गया तब विभाग के पास आवंटन था या नहीं है। इसके जवाब में कोषाध्यक्ष ने कहा कि बिल प्रमंडल कार्यालय में आते ही अनुमंडल के सहायक अभियंता के पास भेजा जाता है। सहायक अभियंता और कनीय अभियंता ही बिल का एमबी पर इंट्री करने के बाद आगे की प्रकिया होती है। कोषाध्यक्ष नहीं बता सके कि कितने दिनों के अंदर बिल जमा करने पर बिल दाता को राशि का भुगतान हो सकता है।