उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने घाटों पर उमड़ा जनसैलाब
उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही सूर्योपासना का चार दिवसीय लोक आस्था का महानतम पर्व छठ सम्पन्न हो गया।
रविवार को जिले के चार सौ सैतीस छठ घाटों पर लाखो की संख्या में परवैतीन एवं उसके परिजनों ने भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करते हुए छठी मईया से शांति व समृद्धि की मांग की । इस दौरान जिले के गंगा कोसी संगम स्थल, विजय बाबू पोखर, रानी घाट, मनिहारी घाट, कारीकोसी छठ घाट, बीएमपी सात छठ घाट के अलावा प्रखंडों के विभिन्न छठ घाटों पर छठी मईया द्वारा मन्नते पूरी होने के बाद माताओं ने अपने पुत्र का मुंडन संस्कार कराया। गाजे बाजे के साथ छठ घाट आ रहे व्रतियों द्वारा छठी मईया पर आधारित गीत का श्रवण किया जा रहा था। वहीं कठिन साधना के तहत अपने अपने घरों से मन्नते मांगने के लिए दंड प्रणाम यात्रा के दौरान अपने शरीर के षाष्ठांग कराते हुए छठ घाट तक पहंुचे। उनकी कठिन साधना को देखकर लग रहा था कि सही मायने में निर्जला उपवास के बाद उनकी विनती को मां अवश्य स्वीकार करेगी। जबकि छठ घाटों पर व्रतियों की सुविधा के लिए मार्ग से लेकर घाट तक दर्जनों तोरणद्वार बनाये गये थे। वहीं दुधिया व रंग विरंगे प्रकाश लगाकर मार्गों को इंद्रधनुषी छटा से अनुरंजित कर दिया गया था। व्रतियों की सेवा को ले लोग तत्पर दिखे।
स्रोत-हिन्दुस्तान