
अखंड गुरुग्रन्थ साहिब के पाठ से भक्तिमय हुआ नगर
सिखों के 9 वें गुरु तेगबहादुरजी महाराज की 344 वां शहीदी गुरु पर्व पर जिले के सरदारनगर लक्ष्मीपुर स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा में सोमवार को सुबह 10 बजे से गुरुग्रन्थ साहिब के अखंड पाठ से पूरे परिक्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो गया।
गुरुद्वारा से सिख संगतों ने पंज प्यारे के नेतृत्व में नगर कीर्तन करते हुए नगर भ्रमण किया। नगर कीर्तन गुरुद्वारा से प्रारंभ हुआ और काली स्थान सहित अन्य टोला होते हुए पुन: गुरुद्वारा पहुंचे। नगर कीर्तन में सिख श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पटना के तख्त श्रीहरमंदिर गुरुद्वारा के बाद राज्य में लक्ष्मीपुर के सरदारनगर के इस गुरुद्वारा का स्थान है। इस उपलक्ष्य पर गुरुद्वारे को भव्य और आकर्षक तरीके से सजाया गया है। वर्ष 1666 में असम यात्रा से लौटने के क्रम में 9 वें गुरु कांतनगर आये थे।
जहां सिख संगतों के साथ बैठकर धर्म का प्रचार प्रसार किये थे। बरारी से पटना पहुंचने के दौरान उन्हें पुत्र के रुप में सिखों के 10 वें गुरु गुरु गोविन्द सिंह महाराज के अवतरण होने की जानकारी मिली थी। बाद में 24 नवम्बर 1675 ई. को 9 वें गुरु की शहादत दिल्ली के चांदनी चौक पर हुई थी। इसी कारण सिख धर्म के अनुयायी इसे शहीदी गुरुपर्व के रुप में मनाते हैं। इसलिए इस स्थल पर आज भी देश व विदेश के सिख श्रद्धालु यहां आकर मत्था टेकते हैं। इसकी महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार ने सिख सर्किट से जोड़कर पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने की योजना बनायी है। गुरुद्वारा में है हस्तलिखित गुरुग्रन्थ साहिब: ऐतिहासिक लक्ष्मीपुर गुरुद्वारा में हस्तलिखित गुरुग्रन्थ साहिब, माछीवाड़ा का हुक्मनामा, कैशगढ़ का हुक्मनामा, पुरातन शस्त्र अवस्थित है।
Source – HINDUSTAN