आज भी नाव के सहारे आवागमन
किशनगंज
एक ओर कनकई और दूसरी ओर रतवा नदी से प्रभावित बहादुरगंज प्रखंड का दुर्गापुर बंगामा पंचायत और टेढ़ागाछ के चिल्हानिया पंचायत सहित आधा दर्जन पंचायत की लगभग एक लाख आबादी को आजादी के इतने वर्षों बाद भी नाव की सवारी से मुक्ति नहीं मिला है। जहाँ लौचा नदी के कनकई घाट पर पुल बनने से लोगों को नाव की सवारी से मुक्ति मिल गयी है वहीं दूसरी ओर रतवा नदी के एक भी घाट में पुल नहीं बनने के कारण आज भी लोग नाव की जोखिमपूर्ण सवारी से आवाजाही करने को मजबूर होना पड़ता है। जानकारी के अनुसार रतवा नदी के सुहिया घाट पर प्रत्येक दिन हजारों लोग चिल्हानिया, बेतबारी,पंखा बारी, खजुरबारी, गमहारिया, फुलबरिया आदि स्थानों के लिये नाव की जोखिमपूर्ण सवारी करने को बाध्य हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि नेपाल के रास्ते आयी रतवा नदी का तांडव से बहादुरगंज और टेढ़ागाछ प्रखंड दर्जनों गांव प्रभावित होता है। वर्ष 2017 में चिल्हानिया पंचायत का ठाकुर टोला के दर्जनों परिवार को अपना आशियाना छोड़कर दूसरी जगह बसने को मजबूर होना पड़ा था। वहीं रतवा नदी के भीषण कटाव की चपेट में आने से सुहिया हाट कई बार उजड़कर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में नदी से पूर्व अवस्थित हुआ है। दूसरी ओर रतवा नदी के प्रमुख सुहिया घाट पर पुल निर्माण की वर्षो पुरानी मांग पर अमल नहीं होने के कारण यह इलाका बेहतर सड़क संपर्क व्यवस्था और विकास से कोसो दूर खड़ा होकर विकास की पोल खोल रहा है।
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