
जिले में न्यूनतम पारा पहुंचा आठ डिग्री
शीतलहर चलने के कारण जिले में कड़ाके की सर्दी शुरू हो गयी है। बादल छाए रहने के कारण बुधवार को पूरे दिन बारिश होने की संभावना बनी रही। कड़ाके की ठंड का जनजीवन पर भी असर दिखायी देने लगा है। ठंड से बचाव के लिए लोग दिन भी अलाव का सहारा लेते दिखायी दिए। जिले में न्यूनतम तापमान लुढक कर आठ डिग्री पहुंच गया है।
जिले में मंगलवार को दिन में गुनगुनी धूप निकलने के बाद शाम से शीतलहर का दौर शुरू हुआ। बुधवार को कोहरे से लोगों को राहत मिली लेकिन मौसम ढका रहा। सुबह से ही शीतलहर का दौर शुरू हो गया। सुबह स्कूली बच्चे कड़ाके की सर्दी में ठिठुरते हुए स्कूल जाते दिखायी दिए। वहीं कर्पूरी चौक, कॉलज चौक के पास बैठे श्रमिक ठंड से परेशान नजर आए।
कई स्थानों पर लोग ठंड से बचने के लिए दिन में भी अलाव का सहारा लेते नजर आए। छोटे- छोटे बच्चों को लिए महिलाएं भी अलाव के निकट नजर आयीं। कड़ाके की ठंड का सड़कों पर भी असर दिखायी दिया। सड़कों पर आवाजाही करते लोग गरम कपड़े में पैक नजर आए। अन्य दिनों की अपेक्षा लोगों की आवाजाही भी कुछ कम नजर आयी। लोग दिनभर सूरज के निकलने का इंतजार करते रहे लेकिन उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी।
बादल छाए रहने के कारण बारिश होने की संभावना बनी रही। सुबह के वक्त दो-चार बूंद आसमान से टपके लेकिन बारिश की उम्मीद लगाए लोगों को निराशा हाथ लगी। शीतलहर चलने और बादल छाए रहने के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गयी। मंगलवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया था वहीं बुधवार को एक डिग्री लुढ़क कर 23 डिग्री पहंुच गया।
न्यूनतम तापमान लुढकर आठ डिग्री पहुंच गया। जबकि मंगलवार को न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया था। पारा गिरने और ठंड बढ़ने का असर सदर अस्पताल में भी देखा गया। छोटे- छोटे बीमार बच्चों को लेकर परिजन ठंड से परेशान नजर आए। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बुधवार को दिनभर बादल छाए रहने की संभावना है। सूरज के दर्शन होने की उम्मीद कम नजर आ रही है। अधितम तापमान में दो से तीन डिग्री गिरावट आने की संभावना जतायी जा रही है। ऐसी स्थिति में ठंड और बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है।
आलू और मक्के की फसल को नुकसान: कड़ाके की ठंड कुछ फसलों के लिए जहां नुकसानदेह माना जा रहा है वहीं कुछ फसलों के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामप्रकाश शर्मा ने बताया कि आलू और मक्के की फसल के लिए ठंड नुकसानदेह साबित हो सकता है। आलू की फसल में जहां पाला लगने की आशंका है वहीं मक्के के पौधे का विकास प्रभावित होने की बात कही जा रही है।
इसके अलावा गेहूं के पौधे के लिए ठंड लाभकारी बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ठंड ज्यादा होने से गेहूं के पौधे का विकास ज्यादा होगा।
Source-HINDUSTAN