
मधेपुरा, 12 जून (विशेष रिपोर्ट) — जब आज के युवा अपना जन्मदिन केक, पार्टी और सेल्फी के साथ मनाते हैं, वहीं मधेपुरा के एक होनहार छात्र नेता और युवा समाजसेवी आनंद शंकर ने एक अनोखी और सराहनीय पहल करते हुए अपने 18वें जन्मदिन को समाजसेवा को समर्पित कर एक नई मिसाल पेश की है।
छात्र जाप (विलय) के क्रांतिकारी, जुझारू एवं संघर्षशील नेता आनंद शंकर, जो कट्टर पप्पू वादी विचारधारा से प्रेरित हैं, ने गुरुवार, 12 जून को अपने जन्मदिवस के शुभ अवसर पर मधेपुरा सदर अस्पताल पहुँचकर स्वेच्छा से रक्तदान किया। यह कार्य न केवल उनकी सामाजिक संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है।
इस सेवा कार्य में उनके साथ छात्र जाप (विलय) मधेपुरा के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार बिट्टू एवं उनके अभिन्न मित्र, छात्र नेता तथा सक्रिय युवा समाजसेवी राजा बाबू भी उपस्थित रहे। इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने आनंद शंकर के इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
मानवता के प्रति समर्पण का भावपूर्ण संदेश
रक्तदान के पश्चात आनंद शंकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“जब तक इस शरीर में रक्त की एक-एक बूंद और जीवन की एक-एक सांस शेष है, तब तक मैं हर उस इंसान के साथ खड़ा रहूंगा जो मुश्किल में है। मैं इंसान को केवल जाति, धर्म या वर्ग के चश्मे से नहीं देखता — मेरे लिए सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है। जीवन भर मैं तन-मन और कर्म से जरूरतमंदों की सेवा करता रहूंगा।“
उन्होंने यह भी कहा कि आज के युवाओं को केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी जीना चाहिए। उनका मानना है कि जिस दिन हर युवा अपने जन्मदिन को समाजसेवा से जोड़ ले, उस दिन देश में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
कम उम्र, ऊँची सोच – समाज को मिला नया मार्गदर्शक
महज 18 वर्ष की उम्र में इस प्रकार की सोच और कर्मशीलता, आनंद शंकर को भविष्य में एक ऊंचे मुकाम पर पहुँचाने के स्पष्ट संकेत देती है। उनका यह कार्य न केवल एक रक्तदाता का कर्तव्य है, बल्कि एक जागरूक नागरिक और जिम्मेदार नेता की सोच को भी दर्शाता है।
स्थानीय लोगों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी आनंद शंकर के इस कदम की प्रशंसा करते हुए उन्हें “युवा प्रेरणा स्रोत” बताया है। कई लोगों का मानना है कि अगर ऐसी सोच रखने वाले युवा राजनीति और समाजसेवा में आगे आते रहें, तो देश और समाज का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।
परिवार, संगठन और समाज को किया गौरवान्वित
आनंद शंकर ने न केवल अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है, बल्कि छात्र जाप संगठन और अपने समर्पित साथियों का भी गौरव बढ़ाया है। उन्होंने दिखा दिया है कि जन्मदिन सिर्फ उत्सव का नहीं, कर्तव्य और सेवा भावना को निभाने का भी अवसर हो सकता है।