
बिंदटोली में दो दिवसीय प्रखंडस्तरीय संतमत सत्संग का शुभारंभ
संत भागीरथ दास महाराज का लोगों ने किया भव्य स्वागत
संत भागीरथ दास महाराज ने कहा संसार में ज्ञान ही सबसे बड़ी पूंजी
आयोजन में दूर दूर से पहुंचे श्रद्धालु
कार्यक्रम स्थल पर भव्य पंडाल का कराया गया है निर्माण
मधेपुरा
मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड क्षेत्र के लौआलगान पूर्वी पंचायत स्थित बिंदटोली गांव में दो दिवसीय प्रखंडस्तरीय संतमत सत्संग का आयोजन आज गुरुवार से प्रारंभ हुआ। इसमें कई संत पहुंचे हुए हैं। कुप्पाघाट से पहुंचे संत भागीरथ दास महाराज का लोगों ने भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। प्रवचन के दौरान भागीरथ बाबा ने कहा कि जो परलोक में सुख पाना चाहते हैं उन्हें प्रभु भक्ति करने की जरुरत है। मानवसेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। सत्संग का अर्थ सदगुणों को अपने में समाहित करने से है। उन्होंने कहा कि लोगों को लोभ, मोह, अहंकार का त्याग कर एक दूसरे की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए। संसार में ज्ञान ही सबसे बड़ी पूंजी है।उन्हाेंने कहा कि पंच पापों झूठ, चोरी, नशा, हिंसा, व्यभिचार से प्रत्येक मनुष्य को बचना चाहिए। एक दूसरे के प्रति द्वेष की भावना न रखें। दूसराें की सहायता करें। परिवार व समाज में अापसी प्रेम बना रहे इसके लिए जागरूक हाेने की जरूरत है। मानसिक तनाव को दूर करने के लिए सत्संग उत्तम मार्ग है। उन्होंने कहा कि जब साधक साधनरूप गुणों को धारण कर लेता है और उन सांसारिक चीजों से मन को हटा लेता है, तब उसका बुद्धिजन्य अच्छे-बुरे भावों से रहित होकर निरंतर निर्मल रहता है।
आयोजन में दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। इसको लेकर भव्य पंडाल का निर्माण कराया गया है। अनुयायियों के लिए भोजन व आवासन की भी व्यवस्था की गई है। आयोजन को सफल बनाने में सत्संग कमेटी के अध्यक्ष उपेंद्र शर्मा,सचिव राजेंद्र शर्मा, शंभू कुमार महतो,इंदू बाबा,प्रोफेसर गौरीशंकर भगत, राजेंद्र शर्मा, रामचंद्र रजक, किशोर पोद्दार,छट्ठू बाबा, शम्भु शर्मा, शिवपूजन सिंह,डॉ अर्जुन प्रसाद मंडल,मंजुलता भारती की मुख्य भूमिका रही।