
पुरैनी प्रखंड में तूफान की तबाही
शनिवार की देर शाम आए चक्रवाती तूफान ने मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड क्षेत्र को हिला दिया।
तेज़ हवा, बारिश और आंधी के कारण 400 से अधिक घरों की छतें उड़ गईं, कई मकान जमींदोज़ हो गए और गांवों में बिजली, संचार व पेयजल व्यवस्था ठप हो गई।
कई गांवों में घर क्षतिग्रस्त, एक महिला की मौत
खेरहो गांव में दीवार गिरने से सोनिया देवी, पत्नी बोधी शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई।
बताया गया कि शौचालय की दीवार गिरने से यह दर्दनाक हादसा हुआ।
अन्य गांवों में कई लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
प्रभावित गांव: औराय, खेरहो, कुरसंडी, अखरी टोला आदि
तूफान का असर विशेष रूप से औराय पंचायत के गोठ बस्ती, चेंगाही, मुस्लिम टोला, गोला टोला, अखरी टोला, कुरसंडी पंचायत के बथनाहा और आसपास के गांवों में देखा गया।
कई परिवारों के आशियाने पूरी तरह उजड़ गए, वाहन क्षतिग्रस्त हुए और धान, मक्का, सब्ज़ी जैसी फसलें बर्बाद हो गईं।
प्रशासनिक अलर्ट और त्वरित राहत कार्य
तूफान की सूचना मिलते ही मधेपुरा के प्रभारी जिलाधिकारी, एडीएम, एसडीएम, एसडीपीओ सहित प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
राहत किट, पॉलीथिन शीट और कम्युनिटी किचन की व्यवस्था
प्रशासन ने रात में ही प्रभावित परिवारों को सूखा राशन किट, पॉलीथिन शीट और कपड़े वितरित किए।
अगले दिन कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई, जहाँ पीड़ितों के लिए भोजन, पानी और बिजली की सुविधा दी गई।
जनजीवन को सामान्य करने की दिशा में प्रशासन की पहल
प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार, अंचल अधिकारी विद्यानंद झा, राजस्व अधिकारी स्मिता झा और बीपीआरओ गौतम कुमार राहत कार्यों में सक्रिय हैं।
लक्ष्य है — जनजीवन को जल्द से जल्द सामान्य बनाना।
जनप्रतिनिधियों का दौरा और आश्वासन
विधायक नरेंद्र नारायण यादव का निर्देश
बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक नरेंद्र नारायण यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी पीड़ित परिवार को सहायता से वंचित न रखा जाए।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों को अलर्ट किया गया है और पुनर्वास को प्राथमिकता दी जा रही है।
पूर्व प्रत्याशी नवीन निषाद की मांगें
पूर्व विधायक प्रत्याशी इंजीनियर नवीन निषाद ने सरकार से मांग की कि सभी प्रभावित परिवारों को आपदा मद से आर्थिक सहायता दी जाए और जब तक परिवार पुनः बस नहीं जाते, कम्युनिटी किचन संचालित रहे।
तूफान से उजड़ा गांव, पप्पू यादव बने सहारा
सांसद का पीड़ितों से मिलना और आर्थिक सहायता
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव रविवार को प्रभावित गांवों में पहुँचे।
उन्होंने 300 से अधिक परिवारों को ₹3,000 प्रति परिवार की सहायता राशि दी।
साथ ही मृतका सोनिया देवी के परिजनों को ₹10,000 नकद सहायता प्रदान की।
मृतका के परिजनों को मुआवजा और मदद का वादा
सांसद ने कहा कि वह परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलकर आगे भी मदद करेंगे।
उन्होंने एसडीएम उदाकिशुनगंज को दूरभाष पर निर्देश दिया कि खेरहो गांव में कम्युनिटी किचन और सूखा राशन वितरण सुनिश्चित किया जाए।
राहत कार्य पर स्थानीय शिकायतें
हालांकि, कुछ क्षेत्रों — विशेषकर अखरी टोला और गोला टोला — के लोगों ने आरोप लगाया कि अब तक कोई अधिकारी वहां नहीं पहुँचे हैं और उन्हें कोई राहत सामग्री नहीं मिली है।
इससे स्थानीय नाराज़गी भी देखी जा रही है।
प्रशासनिक टीम का बयान
प्रशासन का कहना है कि राहत कार्य लगातार जारी है और हर प्रभावित घर की पहचान कर सहायता दी जाएगी।
एक विस्तृत सर्वे टीम बनाकर क्षति का आकलन और मुआवजा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
विश्लेषण: प्राकृतिक आपदा और मानव संवेदना
यह चक्रवाती तूफान न केवल विनाश लेकर आया बल्कि प्रशासनिक तत्परता और सामाजिक एकजुटता की परीक्षा भी बन गया।
स्थानीय प्रशासन की सक्रियता, सांसद और नेताओं की मौजूदगी, तथा नागरिक संगठनों की भागीदारी ने यह साबित किया कि आपदा के समय संवेदना ही सबसे बड़ी ताकत है।
प्रशासनिक तत्परता की सराहना और सुधार की जरूरत
जहाँ एक ओर त्वरित राहत प्रशंसनीय है, वहीं कुछ क्षेत्रों की शिकायतें बताती हैं कि ग्रामीण राहत तंत्र में समन्वय और संसाधन वितरण में सुधार की आवश्यकता है।
सामुदायिक एकजुटता की मिसाल
पप्पू यादव की सहायता और स्थानीय लोगों की मदद इस बात का उदाहरण है कि संकट के समय राजनीतिक मतभेद नहीं, मानवीयता सर्वोपरि होती है।
FAQs (सामान्य प्रश्न)
प्रश्न 1: पुरैनी में चक्रवाती तूफान से कितने घर प्रभावित हुए?
उत्तर: लगभग 400 से अधिक घरों को नुकसान पहुँचा है।
प्रश्न 2: कितनी जनहानि हुई?
उत्तर: खेरहो गांव में एक महिला सोनिया देवी की दीवार गिरने से मौत हुई।
प्रश्न 3: प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
उत्तर: एसडीआरएफ की टीम, सूखा राशन, पॉलीथिन शीट, और कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है।
प्रश्न 4: क्या राजनीतिक नेताओं ने दौरा किया?
उत्तर: हाँ, विधायक नरेंद्र नारायण यादव और सांसद पप्पू यादव ने पीड़ितों से मुलाकात की।
प्रश्न 5: क्या सबको राहत मिली है?
उत्तर: अधिकांश क्षेत्रों में राहत पहुँची है, लेकिन कुछ स्थानों से शिकायतें भी मिली हैं।
प्रश्न 6: आगे क्या योजनाएँ हैं?
उत्तर: सर्वेक्षण के बाद सभी प्रभावित परिवारों को आपदा मद से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
निष्कर्ष
पुरैनी प्रखंड की यह आपदा एक संकट और संवेदना दोनों की कहानी है।
जहाँ एक ओर लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया, वहीं प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने मिलकर यह दिखाया कि संकट के समय एकजुटता ही असली राहत है।
अब जरूरत है — पुनर्वास, योजना और सतत आपदा प्रबंधन की।