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सहायता राशि नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश: स्थिति, कारण और समाधान

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सहायता राशि नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश

बाढ़ ने हमेशा से ग्रामीण भारत की बड़ी समस्या बनकर लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त किया है। चौसा प्रखंड क्षेत्र की सात पंचायतें इस बार बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। राहत के नाम पर कुछ पंचायतों को राशि मिल चुकी है, लेकिन पैना, लौआलगान पूर्वी और पश्चिमी पंचायत के लोग अभी भी वंचित हैं। यही कारण है कि पीड़ित परिवारों का आक्रोश प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लगातार बढ़ रहा है।

बाढ़ प्रभावित पंचायतों की स्थिति

पिछले कई दिनों से बढ़ते जलस्तर ने ग्रामीणों की कमर तोड़ दी। मंगलवार से पानी घटने लगा, लेकिन नुकसान की भरपाई अब तक नहीं हो सकी।

  • चार पंचायतों को मिली राशि: जीआर की सात हजार रुपये की सहायता राशि बैंक खातों में भेज दी गई है।

  • तीन पंचायतें वंचित: पैना, लौआलगान पूर्वी और पश्चिमी पंचायत के लोग राहत राशि का इंतजार कर रहे हैं।

पैना पंचायत की बड़ी समस्या

पैना पंचायत के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने उनके साथ दोहरा व्यवहार किया है।

  • पीड़ित परिवारों की शिकायतें: लगन ऋषिदेव, सुखिया देवी, मुन्नी देवी समेत कई लोग कहते हैं कि केवल झूठा आश्वासन दिया जा रहा है।

  • मुखिया इदुम खातून का बयान: उन्होंने बताया कि एक ही गांव को दो हिस्सों में बांट दिया गया है—सड़क के पूर्वी भाग को मोरसंडा और पश्चिमी भाग को पैना मान लिया गया। इससे लाभ में असमानता हो रही है।

लौआलगान पूर्वी और पश्चिमी पंचायत का हाल

यहां भी स्थिति गंभीर है।

  • विनटोली और हरिजन बस्ती: अब भी बाढ़ का पानी जमा है।

  • वार्डवार असमानता: कुछ वार्डों को मदद मिली, लेकिन बाकी वार्ड अब भी संघर्ष कर रहे हैं।

प्रशासनिक उदासीनता के आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों ने सिर्फ “सूची भेजने” का बहाना बनाकर जनता को बरगलाया है। अगर वास्तव में सूची भेजी गई होती, तो बाकी पंचायतों को भी राहत राशि अब तक मिल चुकी होती।

जनता का आक्रोश और विरोध

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर राहत राशि जल्द नहीं मिली, तो वे चौसा अंचल कार्यालय का घेराव करेंगे। उनका कहना है कि “अब झूठे आश्वासन बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।”

अंचलाधिकारी और एसडीएम की प्रतिक्रिया

  • अंचलाधिकारी शशिकांत यादव: उन्होंने कहा कि पैना, लौआलगान पूर्वी और पश्चिमी पंचायत की “आंशिक रिपोर्ट” ही भेजी गई है।

  • एसडीएम पंकज घोष: उन्होंने बताया कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी नहीं है।

क्यों नहीं मिल पा रही है सहायता राशि?

  1. आंशिक रिपोर्ट का मुद्दा

  2. लाभुकों की पूरी सूची का अभाव

  3. बैंकिंग और तकनीकी समस्याएं

बाढ़ राहत वितरण की चुनौतियां

राहत राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है। जिन परिवारों के खाते नहीं हैं, वे और अधिक परेशान हैं। इसके अलावा सूची तैयार करने और सत्यापन की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. किन पंचायतों को अब तक सहायता राशि मिली है?
चार पंचायतों को जीआर की सात हजार रुपये की राशि मिल चुकी है।

Q2. किन पंचायतों के लोग अब तक वंचित हैं?
पैना, लौआलगान पूर्वी और पश्चिमी पंचायतों को अब तक राशि नहीं मिली है।

Q3. ग्रामीणों ने क्या कदम उठाने की चेतावनी दी है?
उन्होंने चौसा अंचल कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।

Q4. प्रशासनिक अधिकारियों ने क्या कहा है?
अंचलाधिकारी ने आंशिक रिपोर्ट भेजे जाने की बात कही, जबकि एसडीएम ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है।

Q5. सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र कौन से हैं?
पैना पंचायत, विनटोली और हरिजन बस्ती सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

Q6. समस्या का समाधान कैसे हो सकता है?
समय पर रिपोर्टिंग, लाभुकों की सूची में पारदर्शिता और त्वरित वितरण ही समाधान है।

निष्कर्ष

बाढ़ से तबाही झेल चुके लोग अब राहत राशि के इंतजार में हैं। यदि प्रशासन समय पर और पारदर्शी तरीके से राशि वितरित नहीं करता, तो जनता का आक्रोश बड़े आंदोलन में बदल सकता है। यह स्थिति प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि झूठे आश्वासन से काम नहीं चलेगा, बल्कि त्वरित और निष्पक्ष राहत वितरण ही समाधान है।

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