
मधेपुरा विधानसभा सीट राजद का सबसे लोकप्रिय सीट में से एक,लेकिन अबकी वार क्या होगा समीकरण, किनको मिलेगा बागडोर
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शंखनाद हो चुका है। क्या राजद मधेपुरा से सिट निकाल पाती है या नहीं ये तो बाद की बात है लेकिन वर्तमान राजद विधायक के विधानसभा सीट पे अनेकों दिग्गज नेताओं ने भी अपनी उम्मीदवारी पेस की है ऐसे मे राजद किनको टिकट देती है इसपर सभी की नजर टिकी है।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। राज्य में तीन चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण की वोटिंग 28 अक्तूबर,दूसरे चरण की वोटिंग तीन नवंबर और तीसरे चरण के लिए सात नवंबर को मतदान होंगे। वहीं 10 नवंबर को मतगणना होगी।वहीं कोविड-19 के मद्देनजर खास इंतजाम किए गए हैं।
मधेपुरा जिले का मधेपुरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र को राजद (RJD) का गढ़ माना जाता है। मधेपुरा विधानसभा सीट इस बार महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनेगी। हालांकि इस सीट पर अभी राजद का कब्जा है, लेकिन पिछली बार की अपेक्षा इस बार समीकरण अलग है। पिछली बार जहां जदयू राजद (JDU+RJD) के साथ था। इस बार जदयू एनडीए (JDU+BJP) गठबंधन में है।
जातीय समीकरण व पिछले चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को देखते हुए मधेपुरा विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। वर्तमान महागठबंधन की पार्टियों का ही शुरुआत से इस पर कब्जा रहा है। हालांकि 2005 के चुनाव व चार महीने बाद हुए उपचुनाव के अलावा 2010 में भी इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा। इन चुनावों में जदयू का समर्थन था। मधेपुरा विधानसभा में यादव मतदाता बहुत है इस सीट पर जातीय समीकरण के अलावा शहरी क्षेत्र का भी काफी प्रभाव है।
जानकारों की मानें तो सिर्फ एक जाति के आधार पर इस सीट पर कब्जा पाना मुश्किल। मधेपुरा राजद (Madhepura RJD)नेताओं में काफी गहमा गहमी है सीट को लेकर, कई राजद नेता अपनी दावेदारी कर रहे हैं ऐसे में मुस्कील हो सकता । राजद को वर्तमान राजद विधायक प्रो चंद्रशेखर यादव है लेकिन वर्तमान विधायक से राजद नेताओं में भी काफी नाराजगी है ओर सोशल मीडिया में अपने समर्थकों से ब्यान बाजी भी हो रहा हैं। लाईव सिटी के रिपोर्ट को माने तो मधेपुरा सदर विधायक से ग्रामीण काफी नाराज देखने को मिल रहे हैं ओर विकास की काम भी नहीं हुआ। हालांकि ग्रामीण ये भी कह रहे हैं हमलोग लालू प्रसाद यादव को वोट देते है ना कि विधायक को। लेकिन अगर राजद कार्यकर्ताओं में समांजस ओर समझोता नहीं होगा तो चुनाव में नुकसान होना तय।
मधेपुरा विधानसभा से उम्मीदवारों के लिस्ट सबसे उपर आते हैं, ओर वे वर्तमान में अपनी दावेदारी भी किऐ हैं। जयकांत यादव अपने आप को सबसे मजबूत उम्मीदवार मानते हैं हालांकि जयकांत यादव राजद में 1992 से सक्रिय राजनीति करते आ रहे हैं। राजनीति में काफी पकर ओर अनुभव भी है । मधेपुरा राजद जिला अध्यक्ष एवं प्रमुख संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी है।
इसलिए मैं प्रदेश नेतृत्व से विनती करता हूँ कि ऐसे लोगों को टिकट से वांचित कर वर्षों से सर्मपित कार्यकत्ताओं को टिकट देकर मधेपुरा बिधान सभा क्षेत्र संख्या-73 की जित सुनिश्चित करने हेतु जयकांत यादव जिला अध्यक्ष जैसे कर्मठ,सुयोग्य, ईमानदार, दमदार, निष्ठावान,कर्तव्य निष्ठ,राजद के सच्चे सिपाही को टिकट देकर मधेपुरा बिधान सभा को हारने से बचाया जाए।
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र -13 मधेपुरा, जो मधेपुरा जिले के तीन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र – 70- अलमानगर, 71-बिहारगंज, 73-मधेपुरा और तीन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सहारसा जिला हैं- सोनबरसा -74 सहरसा -75 महिषी-77 | मधेपुरा 4 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित हैं – 70- अलमानगर, 71-बिहारगंज, 72- सिंगेश्वर (एससी), 73-मधेपुरा।
कैसा है चुनावी इतिहास?
साल 2015 में यहां से राष्ट्रीय जनता दल के चंद्रशेखर ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 90,974 वोट हासिल हुए थे। भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार को 53,332 वोट मिले थे। पिछले चुनाव में मधेपुरा जिले में यही एक सीट थी जिसपर राजद जीत कर सका था। बाकी तीनों सीटों पर जनता दल (युनाइटेड) को जीत मिली थी।
इस क्षेत्र से कब कौन बने विधायक
वर्ष जीते प्रत्याशी पार्टी
1957 भूपेंद्र नारायण मंडल (आईएनडी)
1962र् विंदेश्वरी प्रसाद मंडल (कांग्रेस)
1967 एमपी यादव (एसएसपी)
1969 भोली प्रसाद मंडल (कांग्रेस)
1972र् विंदेश्वरी प्रसाद मंडल (एसओपी)
1977 राधाकांत यादव (जेएनपी)
1980 राधाकांत यादव (जेएनपी)
1985 भोला प्रसाद मंडल (कांग्रेस)
1990 राधाकांत यादव (जनता दल)
1995 परमेश्वरी प्रसाद निराला (जनता दल)
2000 राजेंद्र प्रसाद यादव (राजद)
2005 मणीन्द्र कुमार मंडल (जदयू)
2005 मणीन्द्र कुमार मंडल (जदयू)
2010 प्रो. चंद्रशेखर (राजद)
2015 प्रो. चंद्रशेखर (राजद)
कब होगा मतदान?
मधेपुरा विधानसभा सीट पर बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में मतदान होगा। 7 नवंबर को वोटिंग होगी जबकि 10 नवंबर को मतगणना होगी। कोरोना वायरस के चलते इस बार हर बूथ पर एक हजार वोटर ही होंगे। सारे पोलिंग बूथ ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाए जाएंगे। कोरोना वायरस मरीजों के लिए मतदान वाले दिन आखिरी का वक्त अलॉट किया गया है।