
बिहार का इतिहास: नवपाषाण युग से मौर्य और गुप्त साम्राज्य तक — सभ्यता, संस्कृति और गौरव की विरासत
पटना (स्पेशल रिपोर्ट | SeemanchalLive.com):
भारत के इतिहास में बिहार का स्थान केवल एक राज्य के रूप में नहीं, बल्कि सभ्यता और संस्कृति के उद्गम स्थल के रूप में रहा है।
यह वही भूमि है जहां गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया, भगवान महावीर ने अहिंसा का संदेश दिया, और जहां राजा अशोक ने धर्म का प्रचार पूरी दुनिया में फैलाया।
बिहार का इतिहास नवपाषाण युग से लेकर आधुनिक भारत के गठन तक फैला हुआ है,
जो इसे भारत के सबसे प्राचीन और प्रभावशाली क्षेत्रों में से एक बनाता है।
🏛️ प्राचीन बिहार: सभ्यता की जन्मभूमि
बिहार का प्राचीन नाम मगध था।
यह क्षेत्र प्राचीन भारत का राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र माना जाता था।
मगध साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) थी,
जो उस समय की सबसे विकसित नगरों में से एक थी।
मौर्य, नंद और गुप्त साम्राज्य जैसे महान साम्राज्यों की स्थापना यहीं से हुई,
जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के राजनीतिक ढांचे को बदल दिया।
“मगध केवल एक राज्य नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है।”
— इतिहासकार रोमिला थापर
🪨 नवपाषाण युग से आरंभिक सभ्यता तक
पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार, बिहार में मानव सभ्यता के निशान
नवपाषाण युग (Neolithic Age) से मिलते हैं।
सोनपुर, चिरांद और नालंदा जैसे क्षेत्रों में खुदाई से
पत्थर के औजार, मिट्टी के बर्तन और हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
ये साक्ष्य बताते हैं कि बिहार में कृषि, पशुपालन और बस्तियों का विकास
5000 ईसा पूर्व तक हो चुका था।
👑 मौर्य साम्राज्य: भारत की पहली महान सत्ता
राजा चंद्रगुप्त मौर्य ने बिहार से मौर्य साम्राज्य की स्थापना की,
जो आगे चलकर सम्राट अशोक महान के समय चरम पर पहुँचा।
अशोक ने धर्म और अहिंसा की नीति अपनाई और
बिहार से बौद्ध धर्म को पूरी दुनिया में फैलाया।
पाटलिपुत्र, राजगृह (राजगीर) और वैशाली जैसे नगर
राजनीतिक और धार्मिक केंद्र बने।
🕉️ गुप्त साम्राज्य: स्वर्ण युग की शुरुआत
मौर्य साम्राज्य के बाद, बिहार में गुप्त वंश (320–550 ईस्वी) का उदय हुआ,
जिसे भारतीय इतिहास का “स्वर्ण युग” कहा जाता है।
इस काल में कला, विज्ञान, साहित्य और गणित में अद्भुत प्रगति हुई।
आर्यभट्ट, जिन्होंने ‘शून्य’ की अवधारणा दी,
पाटलिपुत्र के ही निवासी थे।
गुप्त काल में संस्कृत साहित्य का उत्कर्ष हुआ और
कालिदास, विश्वनाथ और वराहमिहिर जैसे विद्वानों ने भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया।
🕊️ धर्म, दर्शन और आध्यात्मिकता का केंद्र
बिहार वही भूमि है जहां दो विश्व धर्मों —
बौद्ध धर्म और जैन धर्म — की नींव रखी गई।
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गौतम बुद्ध ने बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया।
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भगवान महावीर, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, का जन्म वैशाली के निकट हुआ।
इन दोनों महापुरुषों की शिक्षाओं ने बिहार को आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बना दिया।
“बिहार की धरती ने मानवता को करुणा और सत्य का मार्ग दिखाया।”
— महात्मा गांधी
🪶 मिथिला और नालंदा: ज्ञान का गढ़
बिहार में मिथिला, नालंदा और राजगृह जैसे क्षेत्र
प्राचीन शिक्षा और दर्शन के केंद्र रहे हैं।
🎓 नालंदा विश्वविद्यालय
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5वीं शताब्दी में स्थापित, यह दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय था।
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यहां चीन, जापान, तिब्बत और श्रीलंका से विद्यार्थी पढ़ने आते थे।
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ह्वेनसांग (Xuanzang) और फाह्यान (Fa-Hien) जैसे चीनी यात्रियों ने
नालंदा की भव्यता का विस्तृत वर्णन किया।
🏵️ ब्रिटिश काल और आधुनिक बिहार का गठन
ब्रिटिश शासनकाल में बिहार बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था।
बाद में प्रशासनिक सुविधा के लिए
22 मार्च 1912 को बिहार को अलग प्रांत के रूप में स्थापित किया गया।
यह दिन आधुनिक बिहार के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
🧑⚖️ आधुनिक बिहार और स्वतंत्रता संग्राम
बिहार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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महात्मा गांधी का चंपारण आंदोलन (1917) यहीं से शुरू हुआ।
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डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जो स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति बने,
बिहार की मिट्टी से ही निकले।
स्वतंत्रता के बाद बिहार ने राजनीति, साहित्य, शिक्षा और सामाजिक सुधार में
अग्रणी भूमिका निभाई।
🕊️ सांस्कृतिक विरासत और आज का बिहार
आज का बिहार भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है।
मधुबनी पेंटिंग, भोजपुरी संस्कृति, मखाना और सिल्क उद्योग
राज्य की पहचान बन चुके हैं।
राज्य ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, लालू प्रसाद यादव,
रामविलास पासवान, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, और नीतीश कुमार जैसे नेताओं को जन्म दिया,
जिन्होंने बिहार की राजनीति को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. बिहार का प्राचीन नाम क्या था?
A1. बिहार का प्राचीन नाम मगध था।
Q2. आधुनिक बिहार की स्थापना कब हुई?
A2. 22 मार्च 1912 को, बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग होकर।
Q3. बिहार में कौन-कौन से महान साम्राज्य उभरे?
A3. मौर्य साम्राज्य, नंद वंश और गुप्त साम्राज्य।
Q4. गौतम बुद्ध और महावीर का बिहार से क्या संबंध है?
A4. दोनों ने बिहार की धरती पर जन्म और ज्ञान प्राप्त किया; यही बौद्ध और जैन धर्म की जन्मस्थली है।
Q5. बिहार का सांस्कृतिक योगदान क्या है?
A5. मिथिला पेंटिंग, मैथिली भाषा, नालंदा विश्वविद्यालय और बोधगया का बोधिवृक्ष — बिहार की सांस्कृतिक धरोहरें हैं।
🔗 Source: SeemanchalLive.com | Special Historical Report – Bihar’s Glorious Legacy