किसान चौपाल में कीट व्याधि से उपचार की मिली जानकारी
कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा परतिया गांव में किसान चौपाल का आयोजन किया गया। वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान सीमा कुमारी ने धान के खेत में लगने वाले रोग व्याधियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धान की खेती में बालिया निकल रही है। उसमें गंधीवग कीड़ा के बचाव के लिए वैज्ञानिक सलाह के आधार पर दवा का छिड़काव करना चाहिए अन्यथा यह फसलों को काफी नुकसान पहुंचाता है। उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि इस समय जो भी किसान आलू की खेती खेती करने जा रहे हैं उस में अधिक से अधिक कंपोस्ट के प्रयोग के साथ ट्राइकोडरमा दवा का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। साथ ही साथ आलू कंद लगाने से पहले अंततः प्रवाही फूफूदनाशक डायथिनएम नामक दवा से उपचारित कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ डॉ सिंह ने बताया कि इस समय आम लीची अमरूद आदि फलों के बगीचे में बगीचे से अधिक आय प्राप्त करने के लिए बगीचे में चूने के साथ साथ फफूंद नाशक दवा भी मिलाकर लेप लगाना चाहिए । कीट व्याधि से बचाव के साथ अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सके। इस अवसर पर पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. हेमंत कुमार ने पशुओं में लगने होने वाले रूप रूप एवं उसके रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी। मौसम वैज्ञानिक दयानिधि चौबे ने बताया कि अब मौसम के अनुमान की जानकारी भी किसानों को आसानी से प्राप्त हो जाएगी। इस अवसर पर सभी उपस्थित प्रतिभागियों को एक किलो सरसों का बीज तथा एक कद्दू का पौधा भी नि:शुल्क दिया गया। साथ ही साथ किसानों द्वारा वैज्ञानिकों से पूछे गए सवालों की भी जानकारी वैज्ञानिकों ने आसानी से दी। उद्यान वैज्ञानिक ने सभी किसानों को अपने घरों के आसपास किचन गार्डन लगाने की सलाह दी ताकि वे हरी एवं ताजी सब्जी खाकर निरोग रह सकेंगे।
स्रोत-हिन्दुस्तान