पोषण वाटिका में उत्पादित सब्जी का सेवन करना लाभदायक
कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ में स्थापित पोषण वाटिक क्षेत्र के किसानों के लिए सीख बना हुआ है। जिसे देखकर क्षेत्र के किसान प्रेरित हो सकते हैं तथा वैज्ञानिक तरीके से खेती कर सकते हैं। केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डा. सीमा कुमारी ने बताया कि खाद्यान्न उत्पादन में तो वृद्धि हुई है। परंतु जैविक तकनीक से उत्पादित सब्जियों का जिस रफ्तार से उत्पादन होना चाहिए नहीं हो पा रहा है। रासायनिक खाद एवं रासायनिक दवा का प्रयोग वाली सब्जी काफी हानिकारक है। उन्होंने बताया कि यह तभी संभव है जब किसान अपने घरों के आसपास खाली पड़ी जमीन में सब्जी का उत्पादन करें। उन्होंने बताया कि केंद्र परिसर में स्थापित पोषण वाटिका को देख कर लोग अपना सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र की उद्यान वैज्ञान डॉक्टर अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि किसानों को अधिक पोषक वाली सब्जियां जैसे लाल साग, हरी साग, टमाटर, गाजर, चुकुंदर, मूली, लाल गोभी विशेष तौर पर अपने बगीचों में लगानी चाहिए। उन्होंने बताया कि फलदार पौधा पपीता, नीबू, अमरूद, आंवला,कौरौदा आदि का पौधा पश्चिम से उत्तर दिशा में लगाना चाहिए ताकि उसकी छाया का असर दूसरे पौधे पर नहीं पड़ सके। बुआई पूर्व क्यारियों में गौबर की सड़ी हुई खाद तथा वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग करना चाहिए। किसान अपने द्वारा उत्पादित सब्जी का सेवन कर स्वस्थ एवं निरोग रह सकते हैं।
स्रोत-हिन्दुस्तान