
पूर्णिया, 23 सितंबर – आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी अंशुल कुमार के निर्देश पर प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी मरंगा में जिला एवं विधानसभा स्तरीय मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
DM ने दिए अहम निर्देश
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिला पदाधिकारी अंशुल कुमार ने कहा कि विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के सफल और निष्पक्ष संपादन में मास्टर ट्रेनरों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
👉 उन्होंने चुनाव कर्मियों को कई अहम निर्देश दिए और उनकी जिम्मेदारियों और अधिकारों पर जोर दिया।
चुनाव कर्मियों की भूमिका
DM ने बताया कि:
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चुनाव कर्मियों की प्रतिनियुक्ति निर्वाचन सूचना जारी होने से लेकर परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण और अनुशासन में होती है।
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मतदान केंद्रों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चुनाव कर्मियों का सबसे बड़ा कर्तव्य है।
EVM और VVPAT पर ट्रेनिंग
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनरों को EVM और VVPAT के इस्तेमाल की जानकारी दी गई।
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मॉक पोल कराने की प्रक्रिया
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ग्रीन पेपर सील, स्पेशल टैग और एड्रेस टैग भरने का तरीका
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कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट का संचालन
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नोटा (NOTA) विकल्प की प्रक्रिया
इन सभी पर विस्तार से हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दी गई।
मास्टर ट्रेनरों की जिम्मेदारी
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मास्टर ट्रेनर आगे चलकर अन्य चुनाव कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे। इसलिए उनकी समझ और तैयारी से ही मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुचारू संचालन सुनिश्चित होगा।
✅ निष्कर्ष
पूर्णिया में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आने वाले बिहार चुनावों की दिशा तय करने में अहम साबित होगा। चुनाव आयोग लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि 2025 का विधानसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराया जाए। इस कड़ी में मास्टर ट्रेनरों की तैयारी ही भविष्य में चुनावी सफलता की गारंटी मानी जा रही है।