
बिहार Election से पहले पूर्णिया के पप्पू सिंह थामेंगे जनसुराज पार्टी का दामन, बन सकते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
Bihar Politics: जनसुराज पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा फिलहाल टल गई है। पूर्व सांसद और दो बार BJP से चुनाव जीत चुके उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को सोमवार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है।
बिहार की राजनीति में नया विकल्प बनकर उभरी जनसुराज पार्टी से जुड़ी ताजा जानकारी सामने आई है। आज होने वाली बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। पार्टी ने सोमवार तक इसे टाल दिया है, जब संभावित रूप से पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हो सकती है। इससे पहले रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आसा’ का प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज में विलय कर दिया था।
प्रशांत किशोर ने क्या कहा?
प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 2015 में महागठबंधन की सफलता में उनकी भूमिका अहम थी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा को रोकने में उनका योगदान निर्णायक रहा। आरसीपी सिंह ने बताया कि वे पहले जदयू में केंद्रीय मंत्री थे और बाद में भाजपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र रहकर कोई फायदा नहीं, इसलिए वे जनसुराज के साथ जुड़ रहे हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर पप्पू सिंह की दावेदारी
पार्टी सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद पप्पू सिंह को दिया जा सकता है। जनसुराज पार्टी का संचालन शेखपुरा हाउस से होता है, जो पप्पू सिंह का परिवारिक निवास है।
कौन हैं उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह?
उदय सिंह, जिन्हें पप्पू सिंह के नाम से जाना जाता है, बिहार के पूर्णिया से दो बार BJP सांसद रह चुके हैं (2009-2019)। वे एक बड़े व्यवसायी और समाजसेवी भी हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनके पास 1000 करोड़ से अधिक संपत्ति है। उनकी खास पहचान उनके वैनिटी वैन से भी जुड़ी है, जो प्रशांत किशोर भी इस्तेमाल करते हैं।
राजनीतिक परिवार और पृष्ठभूमि
पप्पू सिंह का परिवार पढ़ा-लिखा और राजनीति से जुड़ा हुआ है। उनकी मां माधुरी सिंह कांग्रेस की दो बार सांसद रह चुकी हैं, जबकि उनके बड़े भाई एनके सिंह आईएएस अधिकारी रहे हैं।
बीजेपी से कांग्रेस और अब जनसुराज
2019 में पप्पू सिंह ने BJP छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा, लेकिन चुनाव हार गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में वे नहीं उतरे, हालांकि उन्होंने अंदरूनी तौर पर पप्पू यादव को समर्थन दिया था, जिससे वह पूर्णिया से निर्दलीय जीत सके।