
पूर्णिया में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मुकुल कुमार झा के ठिकानों पर निगरानी की छापेमारी, हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई – PURNEA SURVEILLANCE RAID
पूर्णिया में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मुकुल झा पर निगरानी की छापेमारी हुई, 56 लाख की आय से अधिक संपत्ति का मामला उजागर हुआ-
पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मुकुल कुमार झा के खिलाफ निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई की जा रही है. उनके पूर्णिया कार्यालय समेत पटना और भागलपुर स्थित तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी हो रही है.
निगरानी की 10 सदस्यीय टीम कर रही जांच : सुबह करीब नौ बजे निगरानी विभाग की 10 सदस्यीय टीम सबसे पहले विकास भवन स्थित बंदोबस्त कार्यालय पहुंची. टीम ने कार्यालय में करीब दो घंटे तक दस्तावेजों की गहन जांच की और हर पहलू पर पूछताछ की. इस छापेमारी के बाद से अधिकारियों और कर्मियों में हड़कंप मच गया है.
तीन शहरों में एक साथ कार्रवाई : डीएसपी शशि शेखर के नेतृत्व में निगरानी विभाग की टीम ने एक साथ मुकुल कुमार झा के पूर्णिया स्थित सरकारी कार्यालय, निजी आवास, पटना और भागलपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. सभी जगहों पर दस्तावेजों और संपत्तियों की जांच की जा रही है.
हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई : निगरानी डीएसपी शशि शेखर ने बताया कि जब मुकुल कुमार झा हाजीपुर में सीओ के पद पर थे, तभी पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर उनके सहित अन्य सीओ के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया था. निगरानी विभाग ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और जांच में पाया गया कि मुकुल कुमार झा के पास आय से 56 लाख रुपए अधिक की संपत्ति है. फिलहाल जांच जारी है और शाम तक और खुलासे की उम्मीद है.
रिश्तेदारों और करीबियों की संपत्तियों पर भी जांच की तैयारी: सूत्रों के मुताबिक, निगरानी विभाग अब मुकुल झा के रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की भी जांच की तैयारी कर रहा है. पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है.
केस दर्ज करने की तैयारी : छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है. निगरानी विभाग इन दस्तावेजों की स्क्रूटनी के बाद मुकुल झा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज करने की प्रक्रिया में है.
सेवा से होगी निलंबन की कार्रवाई : सेवा से निलंबन और कानूनी कार्रवाई की तलवार लटकती दिख रही है. जांच के बाद मुकुल कुमार झा पर सेवा से निलंबन और कानूनी कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है. निगरानी विभाग की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.