
नेपाल से जोगबनी के रास्ते गुलाबबाग पहुंच रहा चायनीज लहसुन
एसपी ने कहा, एग्रीक्लचर मार्केटिंग ऑफिसर करेंगे जब्त लहसुन की जांच
साइज के हिसाब से होता है दाम तय
गुलाबबाग मंडी में चायनीज लहसुन के साइज के अनुसार तीन भाग में बांटा जाता है, फिर इसकी बिक्री की जाती है. सबसे बड़े साइज का लहसुन 200 रुपये, मध्यम साइज का 180 रुपये व सबसे छोटा साइज का लहसुन 150 रुपये किलो के हिसाब से थोक भाव में बेचा जाता है. यहीं से चायनीज लहसुन की खेप भागलपुर की मंडी में भी जाती है. पड़ोसी देश नेपाल में खास कर विराटनगर के व्यवसायियों के संबंध गुलाबबाग के व्यवसायियों से रहा है, जो इस धंधे में शामिल है, वे नेपाल के व्यवसायी चीन से लहसुन आयात कर भारत भेजते हैं.
नेपाल में बड़े पैमाने पर चायनीज लहसुन का आयात
नेपाल भंसार कार्यालय की मानें तो वर्ष 2024 में नेपाल दो अरब 73 करोड़ 37 लाख रुपये से अधिक के चायनीज लहसुन का आयात किया. ऐसे में चायनीज लहसुन की तस्करी नेपाल से हो रही है, तो इसका सीधा नुकसान देश को हो रहा है. हालांकि चायनीज लहसुन की गुणवत्ता और खाद भारतीय लहसुन जैसा नही है.
जांच पूरी होने पर होगी कार्रवाई
एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि गुलाबबाग में जब्त किये गये चायनीज लहसुन की जांच का जिम्मा एग्रीकल्चर मार्केटिंग ऑफिसर को सौंपा गया. चायनीज लहसुन की पुष्टि होने के बाद थाना में व्यवसायी के विरुद्ध एग्रीकल्चर मार्केटिंग ऑफिसर द्वारा मामला दर्ज किया जायेगा. उन्होंने बताया कि चायनीज लहसुन नेपाल में एलाउड है, जबकि अपने देश में वर्ष 2019 से बैन लगा दिया गया है. चायनीज लहसुन के उत्पादन में अत्यधिक पेस्टीसाइड का इस्तेमाल किया जाता है, यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. उन्होंने बताया कि सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका और यूरोप के देशों में चायनीज लहसुन पर बैन लगाया गया है. चायनीज लहसुन भाया नेपाल भारत आ रहा है. गुलाबबाग में जब्त किया गया लहसुन की कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गयी है.