
पूर्णिया, बिहार | Jalalgarh News
पूर्णिया जिले के जलालगढ़ थाना क्षेत्र से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। सामूहिक दुष्कर्म के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़िता ने मंगलवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।
पीड़िता ने बताया कि चार वर्ष पूर्व उसके पति की दिल्ली में दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जिसके एवज में उसे ठेकेदार द्वारा चार लाख रुपये मुआवजा दिया गया। इस बात की जानकारी गांव के मो. शमीम, मो. मुजाहिद और मो. शमशेर को थी।
इन लोगों ने पांच डिसमिल जमीन देने का लालच देकर 2.75 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद, 22 अक्टूबर 2024 की रात 10 बजे, जब महिला घर में अकेली थी, तीनों ने मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
जब वह चिल्लाने लगी, तो शमीम ने शादी का झांसा देकर शांत कराया। पीड़िता के गर्भवती होने के बाद तीनों ने उसका जबरन गर्भपात करवा दिया। मामले को लेकर गांव में पंचायत भी हुई, जहां आरोपियों ने गुनाह कबूल किया और महिला का निकाह शमीम से करा दिया गया।
निकाह के बाद वह शमीम के घर रहने लगी, लेकिन वहां भी शमीम समेत अन्य लोग उस पर शारीरिक शोषण का दबाव डालते रहे। किसी तरह भागकर वह मायके पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी।
पीड़िता ने जलालगढ़ थाने में 11 जुलाई 2025 को एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें मो. शमीम, मो. मुजाहिद और मो. शमशेर को नामजद किया गया। लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पीड़िता का आरोप है कि तीनों आरोपी अब उसे केस वापस लेने के लिए धमका रहे हैं और उठा लेने की धमकी भी दे रहे हैं। पीड़िता ने मामले की शिकायत क्षेत्रीय डीआईजी, राज्य के डीजीपी, महिला आयोग, और मानवाधिकार आयोग से भी की है।