बापू के चश्मा, चरखा व तिरंगा झंडे से सजी सहरसा की ट्रेनें
सहरसा की ट्रेनें बापू की चश्मे लगी चित्र, चरखा और तिरंगा झंडा से सजकर चलने लगी है। दो अक्टूबर को होने वाले गांधी जयंती से पहले सहरसा में मेंटेनेंस होने वाली सभी ट्रेनों को बापू और देशभक्ति के रंग में रंग दिया गया है। ट्रेनों पर बापू और देशभक्ति का चढ़ा यह रंग लोगों को खूब पसंद आ रहा है।
ट्रेन में सवार होने से पहले लगाई गई इन चित्रों पर यात्रियों की नजर पड़ते कदम रुक जाते हैं। बोगियों की गेट पर लगे चित्र को देखकर बच्चे जहां बापू की जीवनी से जुड़े हर जानकारी जानने को उतावले हो जाते हैं। वहीं बड़े भी काफी चाव से देश की आजादी और निर्माण में बापू के द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान की बखान करते थकते नहीं हैं। एक अच्छी बात यह भी कि चरखे की याद रेलवे के जरिए एक बार फिर से लोगों के बीच जीवंत हो उठा है। इतिहास के पुराने स्वर्णिम दिन को याद कर लोग खुद को भारत का नागरिक होने से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। ट्रेनों को यह नया लुक एएमई दुर्गेश कुमार सिंह और सीडब्लूएस शंभु कुमार की मॉनिटरिंग में कैरेज एंड वैगन के कर्मियों द्वारा दिया गया है।
स्वच्छ रहने को प्रेरित करने के लिए लिखा स्वच्छ भारत : ट्रेनों की कोच के एक तरफ जहां बापू की चित्र, चरखा और तिरंगा झंडा लगा है।दूसरी ओर स्वच्छ भारत लिखकर स्वच्छता का संदेश दिया गया है। रेल अधिकारियों का कहना है स्वच्छता के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए किया गया है। साथ ही 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की150 वीं जयंती का भी जिक्र किया गयाहै।
बापू के चित्र और तिरंगा से सजी ये ट्रेनें : बापू के चित्र और तिरंगा से सजी ट्रेनें दिल्ली, अमृतसर से लेकर पटना तक जाने वाली है। सहरसा-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस, सहरसा-आनंद विहार पुरबिया एक्सप्रेस, सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस, सहरसा-आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस, सहरसा-पटना जनहित एक्सप्रेस, सहरसा-पाटलिपुत्र जनहित एक्सप्रेस में गांधी की झलक देखने को मिल रही है।
900 स्टीकर चिपकाया : चश्मे पहने गांधी, चरखा, तिरंगा झंडा और स्वच्छ रेल चित्र से पटा 900 स्टीकर लगाया गया है। एसी और स्लीपर बोगी पर आठ-आठ और अनारक्षित बोगी पर 12 की संख्या में इसे लगाया गया है। रेल अधिकारियों के मुताबिक यह स्टीकर पानी में भी खराब नहीं होगा। ना ही उखड़ेगा।
स्रोत-हिन्दुस्तान