
सहरसा जिले में एनीमिया व नाटेपन से ग्रसित लोगों की होगी पहचान
एनीमिया और नाटेपन से ग्रसित लोगों की पहचान की जाएगी। जीविका दीदी घर-घर जाकर ऐसे लोगों को चिह्नित करेंगी। इसके बाद ऐसे लोगों को बताया जाएगा कि कौन सा आहार लें जिससे एनीमिया और नाटेपन से ग्रसित होने से बचा जाय।
जिला परियोजना प्रबंधक अभिषेक कुमार ने कहा कि बिहार में 60.3 प्रतिशत महिला और 30.3 प्रतिशत पुरुष एनीमिया से ग्रसित होते हैं। पांच साल तक के 48 प्रतिशत बच्चे नाटेपन से ग्रसित हैं। प्रबंधक स्वास्थ्य एवं पोषण सुनील कुमार और क्षेत्रीय पदाधिकारी नीरज कुमार ने कहा कि आहार के प्रति जागरूकता लाने से एनीमिया और नाटेपन से ग्रसित होने से रोका जा सकता है।
Source-HINDUSTAN