
हिम्मत में कमी के कारण देर से लागू हुआ सीएए
नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देश में चल रहे विवादों के बीच उत्तर बिहार संस्कृति उत्थान समिति के द्वारा गुरुवार को एक संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। वक्ताओं ने कहा कि हिम्मत की कमी के कारण यह कानून देर से लागू हुआ।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति धरणीधर झा ने कहा की नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देश में विभिन्न तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही है। नागरिकता संसोधन कानून को हथियार बना कर कुछ देश विरोधी लोग भारत को वहीं पुरानी जगह लाना चाहती है।किसी मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना की हम इसे अपने राज्य में लागू नहीं करेगें यह शर्मनाक है। देश विरोधी आवाज देकर कोई समाज को तोड़े यह बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के किसी भी धर्म का विदेशी नागरिक भारतीय नागरिकता के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6 के अनुसार पात्र है। यह कानून प्रताड़ित अल्पसंख्यक व यहां भागकर आए लोगों को नागरिकता देती है।
बिहार झारखंड उत्तर पूर्व क्षेत्र प्रचारक रामदत चक्रधर ने कहा कि हिम्मत में कमी के कारण देर से लागू हुआ। उन्होंने कहा कि नागरिकता संसोधन कानून किसी को नागरिकता देता है न की किसी की नागरिकता छीनता है। यह कानून धार्मिक भेदभाव के आधार पर प्रताड़ित लोगों, दलित, महिलाओं व पिछड़ो को नागरिकता देता है। जिला संपर्क प्रमुख विवेक विशाल द्वारा आयोजित प्रो दीपनारायण यादव की अध्यक्षता व प्रो विनय कुमार चौधरी के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक डॉ आलोक रंजन, सुरेन्द्र यादव, डॉ गोपाल शरण सिंह, डॉ एके चौधरी,भाजपा जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह, अरविंद कुमार सिंह, प्रो विभु शेखर झा, अरविंद शर्मा, संतोष जी, उमाशंकर खां, डॉ शिलेन्द्र कुमार, डॉ रवींद्र सिंह, कृष्ण मुरारी प्रसाद, माधव प्रसाद चौधरी, लाजवंती झा, डॉ पीसी खां, मिहिर झा, कुमार स्वेतांबर थे।
Source-HINDUSTAN