
जर्जर क्वार्टर में रहने को विवश हैं रेल कर्मी
ट्रेन के सुरक्षित संचालन की जिम्मेवारी रेलकर्मी की होती है, लेकिन रेलवे उन्हीं कर्मचारियों की जान की परवाह नहीं कर रहा है। पूर्व मध्य रेलवे के आदर्श रेलवे स्टेशन सिमरी बख्तियारपुर पर कार्यरत रेल कर्मचारी ब्रिटिश कालीन बनाए गए आवास में रहने के लिए बाध्य हैं। सिमरी बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन का निर्माण 1960 में हुआ था। संपूर्ण स्टेशन एवं आवास ब्रिटिश गवर्नर जनरल के समय बनाए गए थे।
जिसके प्रमाण बीएंडडब्लूआर ब्रिटिश एंड वेस्टर्न रेलवे 1905 लिखा हुआ ईट के रूप में है जो आज भी मौजूद है। लगभग डेढ़ सौ बस पुरानी बनाए गए रेलवे आवास में रेल कर्मचारी आज भी रहते हैं। 1 साल पूर्व तत्कालीन डीआरएम आरके जैन ने रेल आवास का मुआयना कर उसकी दयनीय स्थिति देखकर इसे बनाने का आश्वासन दिया था। लेकिन आवास की प्रक्रिया आज तक चालू नहीं हो पाई।
आवास 8 कर्मी 15: स्टेशन की भूमि पर रेलकर्मियों के आवास के नाम पर 8 क्वार्टर बने हुए है। जबकि स्टेशन कर्मी कुल 15 है। जिसके कारण कई स्टेशन कर्मी को सहरसा से आवाजाही करना पड़ता है। सिमरी बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों को मिले आवासों के स्थिति यह है कि बरसात होने के बाद छत से पानी टपकता है। स्थिति यह है कि जहां पर पानी नहीं रहता है। वहीं बैठकर लोग रात गुजारते हैं। छत से टपकने वाला पूरा पानी घर में जम जाता है और बाहर से भी बारिश के बाद पानी आवास में घुस जाता है।
इसके साथ ही बरसात होने के दौरान पानी टपकने से अधिक भय भवन के ढहने का डर बना रहता है।रेलवे कांलोनी में पूर्व में एकाएक मकान की छत का प्लास्टर नीचे गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन संजोग है, कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हैं।
Source-HINDUSTAN