
परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी जरूरी: सीएस
परिवार नियोजन पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सोमवार को प्रमंडलीय प्रशिक्षण केंद्र परिवार कल्याण में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफार) के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. ललन प्रसाद सिंह ने बताया कि समाज में जागरूकता फैलाने में मीडिया की भूमिका अहम होती है।वर्तमान में अभी राज्य की कुल प्रजनन दर 3.2 है। एक महिला अपने सम्पूर्ण प्रजनन अवधि में 3 से अधिक बच्चों को जन्म देती है। इस प्रजनन दर में कमी लानी होगी।उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आगामी वर्षों में राज्य के कुल प्रजनन दर को 3.2 से घटाकर 2.1 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयास कर रही है और प्रयासों के साथ मीडिया के भी सहयोग की जरूरत होगी
सीएस ने कहा कि परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य एक खुशहाल परिवार निर्माण करने के लिए दो बच्चों के जन्म में कम से कम 3 साल का अंतराल जरुरी है। इसके लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे कंडोम, गर्भनिरोधक गोली एवं नवीन गर्भनिरोधक साधन अंतरा एवं छाया कारगर है। उन्होंने बताया जिले में पुरुष नसबंदी की स्थिति महिला नसबंदी की तुलना में नगण्य है। इसलिए जरुरी है कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भी सामान सहभागिता हो। सामाजिक भ्रांतियों के कारण पुरुष नसबंदी के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। जबकि इससे किसी भी तरह की मर्दाना या शारीरिक कमजोरी नहीं होती है. इसलिए पुरुषों को भी नसबंदी के लिए आगे आना चाहिए। सीफार के सहायक राज्य प्रबंधक रंजीत कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर चर्चा की।केयर इंडिया के जिला परिवार नियोजन समन्वयक श्रवण कुमार ने कहा जिले में परिवार नियोजन पखवाड़े के दौरान सारथी रथ से जागरूकता भी फैलाई जाती है।यह रथ जिले के पंचायत स्तर तक घूम-घूम कर परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों पर जागरूकता फैलाती है।
सास-बहू सम्मलेन का आयोजन: समन्वयक ने बताया परिवार नियोजन पर आम लोगों को जागरूक करने के लिए सास-बहू सम्मलेन के रूप में नयी पहल की गयी है। इसमें परिवार नियोजन की जरूरत एवं इसके फायदों के विषय में बात की जाती है। आरोग्य दिवस पर सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।जिले में कुल 1660 आरोग्य दिवस साईट है।आगमी जनवरी माह में सभी साईट पर समेम्लन का आयोजन किया जाएगा।डीपीएम राहुल किशोर ने बताया नवीन गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन अंतराल रखने में प्रभावी साधन है। तीन माह पर एक इंजेक्शन लेनी होती है। एक साल में तीन अंतरा इंजेक्शन से एक साल तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिल सकता है। यह देखने में आया है कि महिलाएं पहले डोज के बाद दूसरे एवं तीसरे डोज लेने के लिए नहीं आ रही है। मौके पर सीफार से सरिता मल्लिक, युगेश्वर कुमार राजा, कृतिका, विवेक चतुर्वेदी, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी कंचन सिंह मौजूद थे।
Source-HINDUSTAN