
फिर सुलग सकता है कोसी दियारा का इलाका
राजनपुर के पूर्व मुखिया सतो यादव की हत्या के बाद इन दिनों शांत पड़े कोसी दियारा का एक बार फिर रक्तरंजित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
वह कुख्यात अपराधी रह चुका काजल यादव का पिता था। 50 हजार का इनामी काजल ने जेल से निकलने के बाद 2016 में अपराध की दुनिया छोड़ने का संकल्प लिया था। जेल से जमानत पर बाहर निकलने के बाद उसने अपनी पत्नी सरस्वती देवी को महिषी प्रखंड उप प्रमुख बनाने के बाद वेश्म में मौजूद जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपराध नहीं करने की शपथ ली थी। इसके बाद उसने बीडीओ व थानाध्यक्ष से भेंट कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ने की बात दुहराई थी।
काजल कई चर्चित कांडों के नामजद अभियुक्त था। जिसमें बेलवारा के मुखिया धीरेंद्र सदा की हत्या, डेंगराही तिहरा हत्याकांड, राजनपुर के व्यवसायी सुरेंद्र चौधरी की हत्या, राजनपुर मखाना लूट की घटना जैसे मामले शामिल हैं। काजल को 2015 में पटना की एसटीएफ की टीम ने सोनपुर मेला जाने के क्रम में घात लगाकर गिरफ्तार किया था। काजल के पिता सत्तो यादव का भी पूर्व में अपराध जगत नाता रहा है। दियारा में जमीन पर वर्चस्व को लेकर प्रतिद्वंद्वी गुटों से कई बार सत्तो व उनके पुत्र काजल की भिड़ंत हो चुकी थी। वर्ष 2001 में सत्तो यादव अपने पंचायत राजनपुर से मुखिया पद के लिए निर्वाचित हुए थे। फिर बाद के वर्षो में काजल की पत्नी राजनपुर पंचायत की उपमुखिया और उसके बाद फिर महिषी प्रखंड के उपप्रमुख की कुर्सी पर आसीन हुई। अपने पिता की हत्या के बाद अपराध जगत छोड़ने का एलान कर चुके काजल शांत रहेगा, इसकी संभावना कम ही नजर आती है। ऐसे में कोसी का दियारा इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है।