
पौधरोपण से बचाया जा सकता भू क्षरण: आयुक्त
प्रमंडलीय आयुक्त ने कोसी प्रमंडल के सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा के डीएम, वन प्रमंडल पदाधिकारी, डीडीसी एवं प्रमंडल स्तरीय पदाधिकारियों के साथ जल-जीवन-हरियाली अभियान, आगामी 19 जनवरी को आयोजित मानव शृंखला एवं मुख्यमंत्री के प्रस्तावित हरियाली यात्रा की तैयारियों के संबंध में समीक्षात्मक बैठक की।
समीक्षा के क्रम में प्रमंडलीय आयुक्त के. सेंथिल कुमार ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान वर्तमान में निहायत जरूरी है एवं सरकार की प्राथमिकता में है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से प्रमंडल के सभी विद्यालयों में हरियाली क्लब का 31 दिसम्बर तक गठन किया जाय जिसमें कम से कम दस छात्र-छात्राएं रहेंगे। प्रधानाध्यापक इसके अध्यक्ष व पंचायत जन प्रतिनिधि, एक अभिभावक प्रतिनिधि इसके सदस्य रहेंगे। छात्र-छात्राओं की यह हरियाली क्लब, पौधारोपण, स्थानीय स्तर पर भ्रमण, पौधों का अध्ययन, जैव विविधता एवं पर्यावरण के प्रति अपने घर परिवार के साथ अपने विद्यालय क्षेत्र में सभी को जागरूक करेंगी। आयुक्त ने कहा छात्र-छात्राएं पर्यावरण संरक्षण में सशक्त दूत के रूप में भूमिका निभा सकते हैं।
नदी के बांध पर करें पौधरोपण: आयुक्त ने सुपौल, सहरसा एवं मधेपुरा के वन प्रमंडल पदाधिकारियों से कहा कि कोसी नदी का 127 किलोमीटर का बार्डर है। नदी के बांध पर वृक्षारोपण से भू-क्षरण रूकेगा और इससे बांध का बचाव किया जा सकता है। जैव विविधता को ध्यान में रखते हुए किस प्रकार के पौधों को यहां लगाया जाय इसका अध्ययन करते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान से इस योजना को जोड़ें। आयुक्त ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत नये प्रयोग के रूप में विद्यालयी बच्चों के माध्यम से सीड बॉल तैयार कराकर उनसे अपने घर के परिसर में, खाली भूमि, जंगल, बांधों के किनारे सीड बॉल को लगाने की बात कही। वन प्रमंडल पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सागवान, बांस एवं अन्य प्रजातियों के बीज उपलब्ध करायें ताकि मिट्टी एवं गोबर में उन बीजों को रखकर बच्चों द्वारा सीड बॉल तैयार कराया जा सके। सभी जिलाधिकारियों को प्रयोग रूप में दो-दो हजार प्रति जिला सीड बॉल तैयार कराने का निर्देश दिया।
Source-HINDUSTAN