
सहरसा के मां विषहरि मंदिर को देख आप हो जाएंगे मंत्रमुग्ध, यहां एक साथ विराजमान हैं पांच देवियां – CM Nitish Kumar
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सहरसा में नवनिर्मित ‘आदि शक्ति मां विषहरी’ के भव्य मंदिर का जीर्णोद्धार के बाद उद्घाटन किया. उन्होंने मंदिर में मां विषहरी की पूजा अर्चना किये और मत्था टेका
सहरसा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार सहरसा में नवनिर्मित ‘आदि शक्ति मां विषहरी’ के भव्य मंदिर का जीर्णोद्धार के बाद उद्घाटन किये. इस दौरान उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की. इसके बाद मुख्यमंत्री मंदिर का भ्रमण कर सड़क मार्ग से अमरपुर के लिए रवाना हो गए. जहां उन्होंने विभिन्न विभागों की योजना का उद्घाटन किया, उसके बाद फिर पटना के लिए रवाना हो गए.
सीएम के दौरे को लेकर सुरक्षा के चाक चौबंद: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहरसा दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद प्रबंध किये गये थे. इस दौरान मधेपुरा के सांसद दिनेश चंद्र यादव, सांसद संजय झा, महिषी विधानसभा के जदयू विधायक गूंजेस्वर साह, मंत्री रत्नेश सादा, मंत्री सह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल, पूर्व विधायक अरुण यादव सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.
तंत्र मंत्र के लिए भक्त करते हैं साधना: बता दें कि सहरसा जिला मुख्यालय से तकरीबन 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कहरा प्रखंड के दिवारी स्थान में मां विषहरा का मंदिर है. इस मंदिर की एक अलग ही पहचान है. आसपास के लोगों की मानें तो यह मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यही नहीं नेपाल, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा सहित बिहार के कई क्षेत्रों से तंत्र साधना के लिए भक्त मैया के दरबार में हाजिर होते हैं.
यहां विराजमान हैं पांच देवियां: ग्रामीणों की मानें तो मां विषहरि भगवती स्थान का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है. इस मंदिर की परंपरा रही है कि यहां का पुजारी ब्राह्मण नहीं, नाई जाति के ही वंशज होता है. कहा जाता है कि विश्वभर में यह एक ऐसा मंदिर है, जहां एक साथ पांच देवियों की पूजा की जाती है. ये देवियां अलग-अलग नहीं, बल्कि पांच बहनें हैं.

हां हाजिरी लगाने से मन्नत होती है पूरी: बताया जाता है कि यहां विराजमान देवी पांच बहन हैं. जिनके नाम दूतला देवी, मनसा देवी, मां भगवती, विषहरा और पांचवीं पायल देवी हैं. कहा जाता है कि दुनियाभर का यह पहला मंदिर है, जहां पांच बहनें एक साथ विराजमान हैं. हर साल इस भगवती स्थान में भव्य मेले का भी आयोजन होता है. इस मंदिर में जो भी व्यक्ति हाजिरी लगा देता है, उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है.
यहां का नीर पिलाने से गायब हो जाता है सांप का जहर: इस भगवती मंदिर की एक मान्यता यह भी है कि अगर किसी को कोई सांप या बिच्छू डस लेता है, तो मैया को चढ़ाया गया नीर (जल) पिलाने से विष नहीं चढ़ता है. पुजारी उपेंद्र भक्ता बताते हैं कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पहले से है. इस जगह को आदि शक्ति भी कहा जाता है. आदि शक्ति मां भगवती विशाला विष की मालिक हैं.