मुंबई: भारत की महिला वनडे विश्व कप विजेता टीम के कोच अमोल मजूमदार ने कहा है कि मुंबई में ‘मैदान क्रिकेट’ खेलने से लेकर रणजी ट्रॉफी तक के उनके अनुभवों ने उन्हें एक सफल कोच बनने में अहम भूमिका निभाई है।
सोमवार को अपने विचार साझा करते हुए मजूमदार ने कहा कि घरेलू क्रिकेट के दौरान मिले अनुभवों ने उन्हें न केवल खेल की बारीकियां सिखाईं, बल्कि नेतृत्व, अनुशासन और निर्णय क्षमता भी विकसित की।
कोचिंग में अनुभवों की अहम भूमिका
अमोल मजूमदार ने कहा कि मैदान क्रिकेट ने उन्हें सीमित संसाधनों में खेलना, दबाव में प्रदर्शन करना और टीम भावना बनाए रखना सिखाया। यही अनुभव बाद में राष्ट्रीय टीम के साथ काम करते समय बेहद उपयोगी साबित हुए।
उन्होंने कहा,
“मैदान क्रिकेट और रणजी ट्रॉफी ने मुझे सिखाया कि खेल से जुड़े फैसले कैसे लेने चाहिए और खिलाड़ियों के भीतर जवाबदेही की भावना कैसे विकसित की जाए।”
खिलाड़ियों में जवाबदेही पर जोर
मजूमदार के अनुसार, एक कोच के तौर पर उनका फोकस सिर्फ तकनीक पर नहीं, बल्कि खिलाड़ियों में जिम्मेदारी और आत्मविश्वास पैदा करने पर भी रहता है। उन्होंने कहा कि टीम की सफलता के लिए हर खिलाड़ी का खुद के प्रदर्शन के प्रति जवाबदेह होना जरूरी है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
अमोल मजूमदार की यह यात्रा उन युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है, जो गली-मोहल्ले और मैदान क्रिकेट से शुरुआत कर बड़े सपने देखते हैं। उन्होंने साबित किया कि मजबूत नींव और अनुभव से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता हासिल की जा सकती है।
Key Highlights
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अमोल मजूमदार का बड़ा बयान
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मैदान क्रिकेट और रणजी अनुभव से मिली कोचिंग की सीख
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खेल से जुड़े फैसलों में अनुभव की भूमिका
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खिलाड़ियों में जवाबदेही पर जोर
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युवाओं के लिए प्रेरणादायक सफर



