यक्ष्मा मरीजों का किया जाएगा सर्वेक्षण
राष्ट्रीय यक्ष्मा सघन खोज अभियान कार्यक्रम की सफलता को लेकर सोमवार को पीएचसी के सभागार में आशा फेसिलेटरों की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता प्रखंड स्वास्थ प्रबंधक रतिश झा ने की।
उन्होंने कहा कि बसंतपुर प्रखंड के महादलित टोलों में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वेक्षण किया जाना है। इसमें वैसे व्यक्ति जिन्हें 15 या 15 दिनों से अधिक समय से खांसी हो रही है उनको सूचीवद्ध कर नजदीकी स्वास्थ केंद्र पर लाकर उसके बलगम की जांच करनी है। यदि जांच के बाद यक्ष्मा के लक्षण पाए जाते हैं तो वैसे मरीजों को सरकार द्वारा मुफ्त में दवा के साथ हर महीने पांच सौ रुपये छह महीने तक दिए जाएंगे।
कहा कि साथ ही वैसे मरीजों की छह महीने तक देखरेख और दवा अपने निगरानी में खिलाने के बाद यक्ष्मा मुक्त होने पर आशा कार्यकर्ताओं को हर मरीज के हिसाब से एक हजार रुपया प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाना है। यह योजना सरकार द्वारा साल 2005 से चलाई जा रही है। लेकिन 2005 से 2018 तक मरीजों को दवा के अतिरिक्त कोई राशि देय नहीं थी। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं को हर मरीज के छह महीने तक देखरेख करने के बाद 250 रुपये की राशि दी जाती थी।
बताया इस महीने 32 यक्ष्मा के मरीजों को चि्ह्तित किया गया है जो दिए गए लक्ष्य के हिसाब से जिला स्तर पर बसंतपुर पीएचसी का 63 प्रतिशत है। मौके पर आशा फेसिलेटर मौजूद थे।
बसंतपुर पीएचसी में सोमवार को बैठक में मौजूद स्वास्थ्य प्रबंधक व अन्य।
स्रोत-हिन्दुस्तान