
बिहार में सीमा पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों और छात्रों की सबसे पहले मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी और उसके बाद उन्हें राज्य सरकार की बसों में बैठाकर उनके गंतव्य जिले तक पहुंचाया जाएगा. देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के बिहार वापस लौटने को लेकर नीतीश कुमार सरकार ने अहम फैसला लिया है. सरकार के मुताबिक, ऐसे जो भी लोग बिहार की सीमा पर पहुंचेंगे, उन्हें बस सेवा मुहैया कराकर उनके गंतव्य स्थान तक सरकार पहुंचाएगी.
परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य की सीमा पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूर और छात्रों की सबसे पहले मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी और उसके बाद उन्हें राज्य सरकार की बसों में बैठाकर उनके गंतव्य जिले तक पहुंचाया जाएगा. बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है कि जो भी दिहाड़ी मजदूर और छात्र वापस प्रदेश में आते हैं उन्हें 21 दिन के लिए क्वारनटीन में रहना होगा
बिहार सरकार ने वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों और छात्रों की प्रदेश में एंट्री के समय को भी तय कर दिया है. इन लोगों को सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक ही बिहार की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है. अगर कोई प्रवासी मजदूर या छात्र इस समय सीमा से पहले या बाद में आता है तो उसे राज्य की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा.बिहार सरकार के इस निर्णय का पालन करने को लेकर सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र लिखा गया है और प्रवासी मजदूरों और छात्रों के बिहार लौटने को लेकर जारी किए गए प्रोटोकॉल के पालन करने का निर्देश दिया गया है. सरकार ने राज्य की सीमा से प्रवासी मजदूरों और छात्रों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था तो कर दी, मगर इन सबके बीच एक महत्वपूर्ण सवाल अब भी बना हुआ है, आखिरकार देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर और छात्र वहां से वापस बिहार कैसे पहुंचेंगे?