
श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ रहे श्रद्धालु
करजाईन बाजार में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कथावाचक वृंदावन से आए आचार्य अनुज गोपाल कृष्ण जी महाराज ने भक्तों को कृष्ण रासलीला, कंस वध, उद्वय-गोपी संवाद और रूक्मणी विवाह की कथा सुनाई।
महाराज ने कहा कि रूक्मिणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और लक्ष्मीजी की अवतार थी। रूक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य और गुणों का बखान सुना तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय कर लिया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदि नरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रूक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना संदेश भेजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल और उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त कर रूक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वह द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनके मार्ग को रूक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण और बलराम ने रूक्मी को पराजित करके दंडित किया।
इसके बाद श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रूक्मणी से विवाह किया। मौके पर नवरतन शारदा, शिवरतन शारदा, नेमचंद शारदा, विजय कुमार शारदा , मुरलीधर शारदा, नारायण प्रसाद शारदा, ओमप्रकाश शारदा, बिनोद शारदा, महेशानंद देव, मुकेश, मनीष, रोहित सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
करजाईन बाजार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में सोमवार को प्रवचन सुनते श्रद्धालु
स्रोत-हिन्दुस्तान