Home सुपौल सुशासन बाबू के राज में दिनदहाड़े अपराधी प्रशासन को खुलेआम दे रही चुनौती।

सुशासन बाबू के राज में दिनदहाड़े अपराधी प्रशासन को खुलेआम दे रही चुनौती।

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रिपोर्ट:-बलराम कुमार सुपौल बिहार।

मामला सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय अंतर्गत बाजार के मेलाग्राउंड स्थित काली मंदिर समीप सड़क पर जा रहे बाइक सवार युवक की है। बिहार के सुपौल जिले में इन दिनों हथियारों की नुमाइश का प्रचलन आम हो गया है।
छोटी-छोटी बातों की झरफ हो या फिर शादियां हो ऐसे कई अन्य घटनाएं सामने आ रही है।
जहां बैखोफ होकर अपराधी कानून को ठेंगा दिखाते हुए गोलियों से अंज़ाम देते हैं।
या फिर तमंचे की नुमाइश करते नजर आते हैं।
ऐसा लगता है कि सुशासन बाबू के राज में कानून नाम का राज खत्म हो चुका है।
इससे साफ जाहिर होता है कि बैखोफ अपराधी सुशासन की पुलिस को खुली चुनौती दे रही है।
आए दिंन गोली की तड़तड़ाहट लगातार उठ रही है।
किसी की मौत हो जाती है तो किसी को घायल कर दिया जाता है।
ऐसा ही ताजा मामला जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के मेला ग्राउंड स्थित काली मंदिर के समीप मुख्य बजार में भड़ी भाड़ सड़कों के बीचो बीच सड़क पर थोड़ी सी कीचर पड़ने पर दो अलग अलग बाइक सवार युवकों के बीच हल्की कहासुनी होती जाती है।
उसी बीच एक बाइक सवार युवक दूसरे बाइक सवार युवक पर गोली चला दी।
गोली लगी घायल युवक सौरभ कुमार, उम्र- 23, वर्ष त्रिवेणीगंज अनुपलाल यादव महाविद्यालय के बगल का रहनेवाला है।
पीड़ित युवक सौरभ कुमार,ने बताया कि हमलोग बाइक से जा रहे थे,की सड़क पड़ पानी कीचड़ का जमावड़ा लगा रहने से दुसरे बाइक सवार युवकों के शरीर पर कीचड़ का छींटा पड़ गया।
जिसमें थोड़ी कहासुनी हो गई उसी बीच दुसरे बाइक सवार युवक ने गोली चला दी जो मेरे बायें बांह पर लग गई।
घायल युवक को ईलाज के लिए अनुमंडलीय रेफरल अस्पताल लाया गया।
वहीं इलाज कर रहे डाक्टर ने बताया कि जख्मी युवकों का प्राथमिक उपचार कर दिया गया है।
मामले में डॉ0 सुमन कुमारी, ने बताया कि जख्मी युवकों को शरीर में गोली फसी हुई है।
जो यहां व्यवस्था के कमी रहने के कारण गोली निकलना संभव नही है।
जिसके कारण उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है।
हलांकि गोली मारने वाले युवक की पहचान अबतक नहीं हो पाई है।
इधर पुलिस घटना के बाद मामलें की जांच में जुट गई है।
अब सवाल उठना लाजिमी है कि पुलिस कितना सतर्क है।
कि थाना क्षेत्र में लगातार गोली अवाज गुजं रही है।
और पुलिस मुख्य दर्शक बने बैठी है। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस एवं कानून से लोगों का भय खत्म होते जा रहा है।
अब देखना लाजमी होगा की सुशासन बाबू की सरकार में प्रशासन अपराधियों पर नकेल कसने में किस हद तक कामयाब हो पाते हैं।
या फिर ऐसे हीं अपराधी क़ानून को ताख पर रखकर घटना को अंजाम देते रहेंगे।

 

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