
सुपौल-बिहार के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड में बसे लाहर्निया गांव में सैकड़ों एकड़ में बसे चमगादड़ों का यहां के लोग संरक्षण कर रहे हैं. करीब लाखों की संख्या में बसे इन चमगादड़ो को यहां के लोग दैवीय रूप मानते है. गांव के जमींदार प्रदुम्न सिंह कहते हैं कि लोगों की मान्यता है कि ये चमगादड़ किसी घटना का पुर्वानुमान कराते हैं तो इनको कैसे हटा दें. गांव के लोग कहते हैं उन्हें इस चमगादड़ से कोरोना होने का तनिक भी भय नही सताता है.पूरा विश्व इन दिनों कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है. देश में आईसीएमआर (ICMR) की रिपोर्ट में बताया गया है चमगादड़ों (Bat) में कोविड 2 (Covid-19) टाइप का वायरस पाया जाता है ,ऐसे में जब पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है तो ये रिपोर्ट डरावना हो जा रहा लेकिन बिहार में एक गांव ऐसा भी जहां सैकड़ों एकड़ में कई साल पहले चमगादड़ों को बसाया गया और वहां के लोग आज भी इसे दैवीय रूप मानकर इसका संरक्षण कर रहे हैं इनकी पूजा कर रहे हैं।
संवाददाता -विनय ठाकुर (सीमांचल लाइव )