हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। हिन्दी पत्रकारिता के आदि उन्नायक जातीय चेतना, युग बोध और अपने दायित्व के प्रति पूर्ण सचेत थे। गुलाम भारत में कलमकारों को विदेशी सरकार की दमन-नीति का शिकार होना पड़ा था। उसके नृशंस व्यवहार की यातना झेलनी पड़ी थी। उन्नीसवीं शताब्दी में हिन्दी गद्य-निर्माण की चेष्टा और हिन्दी-प्रचार आन्दोलन अत्यन्त प्रतिकूल …