आज़ादी के बाद देश में भ्रष्टाचार इस कदर फैला कि लगा मानो हमें अंग्रेजी राज से नहीं बल्कि घोटाला करने की आज़ादी मिल गई हैं। कहीं हिन्दू हित, कहीं मुस्लिम हित, कहीं दलित हित, कहीं अगड़े तो कहीं पिछड़े हित की बात करने वाले हमारे राजनेता सही मामले में भारतीय लोकतंत्र और समाज के पतन के जिम्मेदार हैं। …



