दिहाड़ी मजदूरी से बचने के लिये तीरंदाज बने जाधव की नजरें पदक पर कोलकाता, 20 जुलाई (भाषा) सातारा के प्रवीण जाधव के पास बचपन में दो ही रास्ते थे , या तो अपने पिता के साथ दिहाड़ी मजदूरी करते या बेहतर जिंदगी के लिये ट्रैक पर सरपट दौड़ते लेकिन उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ओलंपिक में …