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पी चिदंबरम का वित्तमंत्री से जेल तक का सफर, इंद्राणी मुखर्जी बनी टर्निंग प्वाइंट

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नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का पूर्व वित्तमंत्री से लेकर सीबीआई हिरासत के सफर में एक महिला की अहम भूमिका रही। ये महिला है इंद्राणी मुखर्जी, जो खुद अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। इंद्राणी मुखर्जी के एक बयान की वजह से पी चिदंबरम जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं और देश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। कांग्रेस चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर हमलावर है, जबकि ये मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पूर्व चिदंबरम को राहत देने से इंकार कर चुके हैं। 

आइये जानते हैं कौन हैं इंद्राणी मुखर्जी और पी चिंदबरम के खिलाफ उन्होंने ऐसा कौन सा बयान दिया था, जिससे वह सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे में पहुंच गए हैं।

कौन हैं इंद्राणी मुखर्जी

इंद्राणी मुखर्जी, देश की मशहूर लाइजनर रही हैं। बड़े-बड़े उद्योगपतियों, सेलिब्रिटीज से लेकर राजनेताओं तक पहुंच रखने वाली इंद्राणी मुखर्जी को मुंबई पुलिस ने अगस्त 2015 में उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। शीना बोरा, इंद्राणी मुखर्जी और उनके प्रेमी सिद्धार्थ दास की बेटी थी। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई और जांच एजेंसी ने भी इंद्राणी मुखर्जी को इस हत्याकांड में आरोपी माना। इंद्राणी और सिद्धार्थ दास 1986 से 1989 तक संबंध में रहे हैं। इंद्राणी की गिरफ्तारी के साथ ही उनकी हाईप्रोफाइल जिंदगी के पन्ने खुलने लगे।

2007 में इंद्राणी ने शुरू किया था INX मीडिया

इंद्राणी के पहले पति का नाम संजीव खन्ना है। दूसरे पति का नाम पीटर मुखर्जी है। पीटर मुखर्जी की भी इंद्राणी मुखर्जी से दूसरी शादी हुई थी। यूके में जन्में पीटर मुखर्जी, रिटायर्ड इंडियन टेलीविजन एक्जक्यूटिव हैं। वह 1997 से 2007 के बीच स्टार भारत के सीईओ भी रहे हैं। लाइजनर का काम शुरू करने से पहले इंद्राणी मुखर्जी ने पति पीटर मुखर्जी संग 2007 में आईएनएक्स मीडिया की शुरूआत की। 2009 में दोनों ने आईएनएक्स मीडिया से इस्तीफा दे दिया। इसके पहले इंद्राणी मुखर्जी एचआर कंसल्टेंट और मीडिया एक्जक्यूटिव भी रह चुकी थीं।

शीना बोरा मर्डर केस

इंद्राणी मुखर्जी और उनके प्रेमी सिद्धार्थ दास की बेटी शीना बोरा मुंबई मेट्रो में काम करती थी। 24 अप्रैल 2012 से वह लापता थी। 23 मई 2012 को शीना बोरा का शव रायगढ़ जिले के पेन थाना अंतर्गत जंगल क्षेत्र में स्थानीय लोगों को मिला था। शव को हत्या के बाद ठिकाने लगाने के लिए जंगल में दफनाने का प्रयास किया गया था। ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने शव को कब्र से बाहर निकाला और उसका पोस्टमार्टम करा, उसे दोबारा दफना दिया। तब तक शव की शिनाख्त नहीं हुई थी। 2015 में मुंबई में शीना बोरा की हत्या का मामला दर्ज होने पर शव की शिनाख्त हो सकी।

राहुल मुखर्जी व शीना बोरा की फाइल फोटो:

इसलिए हुई थी शीना बोरा की हत्या

पहले मुंबई पुलिस और फिर सीबीआई ने इस केस में शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी, उसके सौतेले पिता पीटर मुखर्जी और इंद्राणी के ड्राइवर को गिरफ्तार किया था। फिलहाल, इंद्राणी और उनके पति पीटर दोनों इस हत्याकांड में जेल में बंद हैं। सीबीआई के मुताबिक शीना की हत्या इसलिए हुई क्योंकि वह इंद्राणी से मुंबई में एक फ्लैट की मांग कर रही थी। जांच एजेंसी ने बताया कि शीना बोरा अपनी मां को ब्लैकमेल कर रही थी। दरअसल, इंद्राणी नहीं चाहती थी कि दुनिया के सामने शीना बोरा का नाम उनकी बेटी के तौर पर आए, लिहाजा वह उसे अपनी बहन बताती थीं। इसी बात को लेकर शीना उन्हें ब्लैकमेल करती थी। इसके अलावा इंद्राणी और उनके पीटर इस बात से भी नाराज थे कि शीना के पीटर के बेटे राहुल से संबंध थे। इस वजह से उसकी हत्या की गई। इस केस में 50 से ज्यादा गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज हो चुके हैं।

पी चिंदबरम के खिलाफ खिलाफ सरकारी गवाह हैं इंद्राणी

इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी ने INX मीडिया केस की जांच कर रही सीबीआई टीम और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बताया था कि उन्होंने 2006 में नार्थ ब्लॉक कार्यालय में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की थी। उस वक्त वित्तमंत्री ने उनसे अपने बेटे कार्ति से मिलने की बात कही थी। साथ ही उन लोगों से कहा था कि वह कार्ति के व्यवसाय में उसकी मदद करें। सीबीआई ने इंद्राणी को इस केस में सरकारी गवाह बना रखा है। उसका और पीटर मुखर्जी का बयान इस केस की सबसे मजबूत कड़ी है। सीबीआई ने 17 फरवरी 2018 को इंद्राणी का बयान कोर्ट में दर्ज कराया था।

इंद्राणी ने दिया था ये बयान

कोर्ट में इंद्राणी ने बयान दिया था कि पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने उनसे 10 लाख डॉलर की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने कार्ति से दिल्ली के हयात होटल में मुलाकात की थी। रिश्वत की रकम देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से इंद्राणी मुखर्जी, कार्ति की कंपनी में शामिल हुईं। इसके बाद फर्जी मुआवजे के तौर पर कार्ति की कंपनी ASCPL और उससे जुड़ी अन्य कंपनियों ने INX मीडिया के लिए सात लाख डॉलर के चार चालान बनाए और उनका भुगतान किया गया। इसी मामले में फरवरी 2018 में कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था। पी चिदंबरम पर जांच में सहयोग न करने का भी आरोप सीबीआई ने लगाया है।

क्या है INX मीाडिया मामला

 

सीबीआई के अनुसार मार्च 2007 में INX मीडिया ने उस शर्त का उल्लंघन किया, जिस पर उसे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) द्वारा शेयर जारी करने से 46 फीसद इक्विटी जुटाने की मंजूरी प्रदान की गई थी। अंकित मूल्य पर शेयर जारी करके 4.62 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति के बावजूद INX मीडिया ने प्रीमियम पर शेयर जारी कर 305 करोड़ रुपये प्राप्त किए। इसके अलावा INX मीडिया में 26 प्रतिशत डाउनस्ट्रीम निवेश के लिए FIPB की अनदेखी की गई।

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