
अजमेर सेक्स स्कैंडल क्या? जिसमें फंसी थी IAS-IPS की बेटियों समेत 100 लड़कियां, 6 ने की सुसाइड
1992 में देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल का पर्दाफाश हुआ था। अजमेर में सालों से चल रही इस खौफनाक वारदात ने पुलिस, प्रशासन, सरकार और आम जनता को भी हिलाकर रख दिया था। इस मामले पर फैसला सुनाते हुए आज अदालत ने 6 आरोपियों को पॉक्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।
देश में कई बार सेक्स स्कैंडल का पर्दाफाश हुआ है। मगर एक सेक्स स्कैंडल, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, उस पर आज फैसला आया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अजमेर सेक्स स्कैंडल की। 100 से ज्यादा लड़कियां इस स्कैंडल का हिस्सा बनीं। सभी की उम्र 17-20 साल के बीच थी। राजस्थान के एक गर्ल्स कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों में आईएएस और आईपीएस की बेटियां भी शामिल थीं। लड़कियों को बहला फुसलाकर उनका रेप किया गया, वीडियो बनाई गई और फिर ब्लैकमेल करके एक के बाद एक कई लड़कियां इस स्कैंडल में फंसती चली गईं। 1992 में जब इस स्कैंडल का पर्दाफाश हुआ तो सभी के पैरों ते नीचे से जमीन खिसक गई। पुलिस चाहकर भी एक्शन नहीं ले पाई और जिसका डर था वही हुआ। कुछ लड़कियों ने इज्जत बचाने के लिए आत्महत्या कर ली तो कई लोग इस सेक्स स्कैंडल के खिलाफ सड़कों पर उतर आए।
कैसे हुआ भंडाफोड़?
राजस्थान के अजमेर को देश के सबसे पवित्र शहरों में गिना जाता है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और पुष्कर मंदिर अजमेर की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हैं। मगर 1992 में जब अजमेर में चल रहे देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल का भंडाफोड़ हुआ तो सभी दंग रह गए। राजस्थान के एक लोकल अखबार में संदीप गुप्ता नामक पत्रकार ने खबर छापी, जिसने ना सिर्फ राजस्थान हो हिलाकर रख दिया बल्कि पूरे देश में हाहाकार मच गया।
अधिकारी से लेकर नेता भी शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फारूक चिश्ती नामक शख्स ने सोफिया गर्ल्स स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की को अपना निशाना बनाया। फारूक ने लड़की के साथ रेप किया और उसकी अश्लील तस्वीरें खींच ली। उन्हीं तस्वीरों को दिखाकर फारूक ने लड़की को ब्लैकमेल किया और लड़की से अपनी सहेलियों को फार्म हाउस पर लाने के लिए कहा। इस तरह एक के बाद एक कई लड़कियां इस जाल में फंसती चली गईं। फारूक और उसका गिरोह ज्यादातर हिंदू लड़कियों को अपना निशाना बनाता था। इस सेक्स स्कैंडल में कई बड़े अधिकारियों से लेकर नेता भी शामिल थे।
दंगे भड़कने के डर से पुलिस ने साधी चुप्पी
सोफिया स्कूल की 100 से ज्यादा लड़कियां इस सेक्स स्कैंडल में फंस गईं। पुलिस को इस बात की भनक लगी तो दंगे भड़कने के डर से पुलिस ने एक्शन लेना मुनासिब नहीं समझा। दरअसल फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती समेत गिरोह के कई लोग यूथ कांग्रेस के सदस्य थे। साथ ही दरगाह तक भी इनकी अच्छी पहचान थी। लड़कियों को अक्सर ब्लैकमेल करके फार्म हाउस पर बुलाया जाता और उनके साथ गंदी करतूतों को अंजाम दिया जाता था।
लड़कियों ने की खुदकुशी
पुलिस से लेकर प्रशासन तक किसी ने लड़कियों की मदद नहीं की। आखिर में हार मानकर लड़कियों ने खुदकुशी का रास्ता चुना। 6-7 लड़कियों की सुसाइड के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले पर FIR दर्ज की गई। इस सेक्स स्कैंडल के खुलासे के बाद अजमेर में भूचाल आ गया। लोग सड़कों पर आकर इंसाफ की गुहार लगाने लगे। जांच में जो चीजें सामने आई उसने पुलिस की भी नींद उड़ाकर रख दी।
18 लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने दंगों के डर से मामला छिपाने की कोशिश की और पूरे सेक्स स्कैंडल को झूठा करार दे दिया। अदालत ने जांच सीबीसीआईडी को सौंपी। रिपोर्ट में 18 लोगों को गुनाहगार पाया गया। इसके खिलाफ केस चले। कुछ को जमानत पर रिहा कर दिया गया तो कुछ आज भी सलाखों के पीछे सजा काट रहे हैं। फारूक चिश्ती समेत 4 आरोपियों की सजा कम कर दी गई। राजस्थान सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल को 3 दशक बीत चुके हैं। खुलासे के 32 साल बाद आज अदालत ने 6 आरोपियों को पॉक्सो एक्स के तहत दोषी करार दिया है।