
पटना/बेगूसराय:
बिहार को लंबे इंतजार के बाद औंटा-सिमरिया महासेतु का तोहफा मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को इस 6-लेन वाले भव्य पुल का उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना पूरे 10 साल बाद पूरी हुई है और उत्तर एवं दक्षिण बिहार की सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।
पुल की अहमियत
नया पुल पटना जिले के मोकामा को बेगूसराय से जोड़ेगा। यह पुल पुराने राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है, जो करीब सात दशक पुराना है और मरम्मत के कारण भारी वाहनों के लिए लगभग बंद हो चुका है।
पुराने पुल की समस्या के चलते अब तक ट्रक और अन्य भारी गाड़ियों को लंबा चक्कर लगाना पड़ता था, जिससे उनकी दूरी 100 किमी तक बढ़ जाती थी। अब नया पुल बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
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कुल लंबाई: 8.15 किमी
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गंगा पर पुल की लंबाई: 1.865 किमी
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चौड़ाई: 34 मीटर (भारत का सबसे चौड़ा एक्स्ट्राडोज़्ड ब्रिज)
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लागत: 1,871 करोड़ रुपये
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लेन: 6-लेन हाईवे ब्रिज
राज्य को लाभ
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उत्तर और दक्षिण बिहार (मधुबनी, बेगूसराय, सुपौल, अररिया, पटना, नवादा, शेखपुरा आदि) के बीच तेज और आसान कनेक्टिविटी
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फ्यूल और परिचालन लागत में बचत
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इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और कार्गो ट्रांसपोर्ट में तेजी
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पटना और मुज़फ्फरपुर ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी
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सिमरिया धाम जैसे धार्मिक स्थलों की बेहतर पहुंच
जनता के लिए बड़ा तोहफा
औंटा-सिमरिया महासेतु से आम यात्रियों, व्यवसायियों और भारी वाहनों को बड़ी राहत मिलेगी। यह पुल न केवल बिहार की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा।