बांका : 78 साल पुराना सुरंगी डाक बंगला जल्द पुनर्जीवित होगा
बांका जिले की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल 78 साल पुराना सुरंगी डाक बंगला, जो लंबे समय से उपेक्षा का शिकार था, अब पुनर्जीवन की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। प्रशासन ने इसे पुनर्निर्माण परियोजना में शामिल कर लिया है, जिसके बाद इस धरोहर को नई पहचान देने की तैयारी शुरू हो गई है।
यह डाक बंगला न केवल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े कई ऐतिहासिक प्रसंगों का साक्षी भी रहा है। पुराने दस्तावेजों के अनुसार, यह स्थान अंग्रेजी शासन के दौरान प्रशासनिक आवागमन और संदेशवाहक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था।
इतिहास से जुड़ी अनकही कहानियाँ
स्थानीय लोगों के अनुसार, सुरंगी डाक बंगला कभी स्वतंत्रता सेनानियों के गुप्त बैठकों और छिपने के ठिकाने के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता था। इस भवन की संरचना और इसकी जगह, इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती थी।
समय के साथ, यह भवन जर्जर होता गया और रखरखाव के अभाव में इसकी ऐतिहासिक चमक फीकी पड़ने लगी। कई बार स्थानीय प्रशासन को इसके संरक्षण की माँग की गई, लेकिन संसाधनों के अभाव में कार्य आगे नहीं बढ़ पाया।
पुनर्जीवन परियोजना की प्रमुख बातें
नवीनतम जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन ने इसे पूरी तरह संरक्षित और पुनर्निर्मित करने का निर्णय लिया है।
पुनर्निर्माण योजना में शामिल हैं:
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भवन का संरचनात्मक संरक्षण
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बाहरी और आंतरिक ऐतिहासिक डिज़ाइन को सुरक्षित रखना
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भवन परिसर का सौंदर्यीकरण
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नई सुविधाओं की स्थापना (गाइड बोर्ड, व्यू पॉइंट आदि)
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संभावित रूप से इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना
परियोजना अधिकारियों का मानना है कि पूरा कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
पर्यटन की नई पहचान बनेगा यह स्थान
डाक बंगले के पुनर्जीवन के बाद बांका जिले में पर्यटन की संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थानीय प्रशासन की योजना है कि इसे:
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हेरिटेज टूरिज्म सर्किट
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शैक्षणिक भ्रमण स्थल
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स्थानीय संस्कृति प्रदर्शन केंद्र
के रूप में विकसित किया जा सकता है।
इससे न केवल जिले को नई पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय जनता में उत्साह
सुरंगी डाक बंगला पुनर्जीवित होने की खबर से बांका के लोगों में उत्साह है। वर्षों से लोग इस भवन को संरक्षण मिलते देखने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
कई स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे जिले के गौरव से जुड़ी एक महत्वपूर्ण पहल बताया है।



