
जहानाबाद लोकसभा सीट पर बसपा की भी एंट्री से बढ़ी लालू यादव की टेंशन, जानें
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 1 जून को बिहार के जहानाबाद में मतदान होना है. जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे चुनाव काफी दिलचस्प होता दिख रहा है.
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 1 जून को बिहार के जहानाबाद में मतदान होना है. जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे चुनाव काफी दिलचस्प होता दिख रहा है. अब तक यहां सीधी टक्कर एनडीए के जदयू प्रत्याशी चंदेश्वर चंद्रवंशी और महागठबंधन के राजद प्रत्याशी सुरेंद्र यादव के बीच मानी जा रही थी, लेकिन, अब जहानाबाद की जंग में अचानक ट्विस्ट आ गया है और यहां से एक नेता ने जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में सियासी घमासान तेज कर दी है.
दरअसल, जहानाबाद लोकसभा चुनाव से पहले राजद को बड़ा झटका लगा है. प्रदेश महासचिव व पूर्व विधायक मुनीलाल यादव ने पार्टी से बगावत का झंडा बुलंद करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. अब माना जा रहा है कि मुनीलाल पिछले कई चुनावों से जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र से दूसरे नंबर पर रहने वाली राजद पार्टी और उसके उम्मीदवार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं.
आपको बता दें कि नामांकन के आखिरी दिन राजद के पूर्व विधायक और प्रदेश महासचिव मुनीलाल यादव ने अपनी पार्टी से बगावत कर दी है. मंगलवार को वह अपने समर्थकों के साथ समाहरणालय पहुंचे और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया. नामांकन के बाद उन्होंने बताया कि भारत और एनडीए गठबंधन ने बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया है, जिससे आम लोगों में निराशा है. उन्होंने खुद को स्थानीय बताया और कहा कि वह लोगों के बीच रहेंगे और उनके सुख-दुख में भागीदार बनेंगे.
नामांकन के बाद बड़ी तादाद में पहुंचे उनके समर्थक
इसके साथ ही आपको बता दें कि नामांकन के बाद उनके समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे और नारे लगाते हुए उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया. वहीं नामांकन के बाद मुनीलाल यादव ने काको रोड स्थित ईटी कॉलेज में एक सभा आयोजित की. गौरतलब है कि चुनाव आते ही नेताओं का दल बदलने और एक तरफ से दूसरी तरफ जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है और कभी सदन में पहुंचने की चाहत के चलते तो कभी क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लेते हैं.
अरुण कुमार ने भी जहानाबाद लोकसभा सीट से नामांकन किया दाखिल
इसके अलावा आपको बता दें कि जहानाबाद से दो बार सांसद रहे अरुण कुमार ने भी जहानाबाद लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है, जिसके बाद सियासी लड़ाई चतुष्कोणीय होती दिख रही है. वहीं, अरुण कुमार ने दावा किया है कि जहानाबाद में उनकी लड़ाई किसी से नहीं है. एक प्रत्याशी वर्तमान सांसद एंबुलेंस घोटाले में फंसे हैं तो दूसरे पूर्व सांसद यानी महागठबंधन प्रत्याशी संसद में महिला बिल फाड़ने जा रहे हैं.