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बिहार में दर्दनाक हादसा: आम्रपाली एक्सप्रेस से कटकर एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

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बेगूसराय (Bihar): बिहार के बेगूसराय जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां आम्रपाली एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। यह हादसा बरौनी-कटिहार रेलखंड के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के उमेशनगर स्टेशन ढाला के पास हुआ।

पुलिस के मुताबिक, मृतक लोग रघुनाथपुर गांव में आयोजित काली पूजा मेले से लौट रहे थे, जब वे अनजाने में रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे और डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।


मृतकों की पहचान: एक ही परिवार के चार सदस्य

इस भीषण हादसे में मारे गए सभी लोग आपस में रिश्तेदार थे और एक ही आंगन में रहते थे। पुलिस और स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:

क्रमांक नाम उम्र पता संबंध
1 धर्मदेव महतो, पुत्र किशुन महतो 40 वर्ष रहूआ गांव, साहेबपुर कमाल परिवार प्रमुख
2 रीता देवी, पत्नी मदन महतो 35 वर्ष रहूआ गांव पारिवारिक सदस्य
3 रौशनी कुमारी 14 वर्ष रहूआ गांव रीता देवी की पुत्री
4 आरोही कुमारी 7 वर्ष रहूआ गांव नीतीश कुमार की पुत्री

यह हादसा इतना भयावह था कि मौके पर मौजूद लोगों ने बताया — “ध्वनि इतनी तेज थी कि लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही सब कुछ खत्म हो गया।”


कैसे हुआ हादसा: रेलवे ट्रैक बना मौत का रास्ता

जानकारी के मुताबिक, काली पूजा मेला समाप्त होने के बाद ये चारों लोग अपने घर लौट रहे थे। रहूआ गांव जाने के लिए ग्रामीणों द्वारा अक्सर रेलवे ट्रैक के किनारे बने रास्ते का उपयोग किया जाता है। यह एक सामान्य मार्ग है और स्थानीय लोग इसे रोजाना पार करते हैं।

इसी दौरान डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस तेज रफ्तार से गुजर रही थी, और परिवार को ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से बचने का मौका नहीं मिला।
कुछ अन्य लोग जो पीछे चल रहे थे, वे किसी तरह बच गए।


पुलिस की तत्परता: शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए

हादसे की सूचना मिलते ही साहेबपुर कमाल थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
थानाध्यक्ष सिंटू कुमार ने बताया कि चारों शवों को कब्जे में लेकर बेगूसराय सदर अस्पताल भेजा गया है।

“यह हादसा डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस की चपेट में आने से हुआ। सभी मृतक एक ही परिवार के रिश्तेदार थे, जो रघुनाथपुर से काली पूजा का मेला देखकर लौट रहे थे।” — सिंटू कुमार, थानाध्यक्ष, साहेबपुर कमाल

इलाके में इस दर्दनाक घटना के बाद शोक की लहर दौड़ गई है।


स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं की प्रतिक्रिया

घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि गोरे लाल यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने रेल प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की।

“हर साल की तरह इस बार भी लोग काली पूजा के मेले में शामिल होने गए थे। रेलवे ट्रैक के किनारे से गुजरते समय यह हादसा हुआ। यह बेहद दुखद घटना है। रेल प्रशासन को सुरक्षा उपायों पर ध्यान देना चाहिए।” — गोरे लाल यादव, जनप्रतिनिधि

वहीं, सीपीएम नेता अंजनी कुमार सिंह ने कहा,

“यह घटना अत्यंत दुखद है। रेल प्रशासन को मृतकों के आश्रितों को उचित मुआवजा देना चाहिए। आज रेल की पटरियां सुरक्षित नहीं हैं, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।”


रेलवे ट्रैक की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

यह हादसा एक बार फिर रेलवे ट्रैक सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे अनधिकृत रास्ते (unofficial crossings) हैं जिनसे रोजाना हजारों लोग गुजरते हैं, लेकिन वहां कोई सुरक्षा उपाय या चेतावनी संकेत नहीं हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि उमेशनगर स्टेशन ढाला के पास ऐसा कोई अवरोधक या चेतावनी संकेत नहीं था जो लोगों को ट्रेन की गति से सावधान कर सके।

“रेल प्रशासन को इस इलाके में बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड लगवाने चाहिए ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों।” — स्थानीय निवासी


मुआवजे की मांग और प्रशासन की प्रतिक्रिया

सीपीएम और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि मृतकों के परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता और सरकारी मुआवजा दिया जाए।
रेल प्रशासन ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

पुलिस ने भी रेलवे अधिकारियों को इस स्थान पर सुरक्षा उपाय बढ़ाने और स्थानीय लोगों के लिए वैकल्पिक सुरक्षित मार्ग तैयार करने की सिफारिश की है।


इलाके में मातम और आक्रोश

हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे रहूआ और आसपास के इलाकों में शोक और आक्रोश दोनों फैल गए।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव के कई लोग अभी भी इस दर्दनाक हादसे को लेकर सदमे में हैं।

स्थानीय लोगों ने रेलवे से मांग की कि काली पूजा या अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान ट्रैक पर निगरानी बढ़ाई जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. यह हादसा कहाँ हुआ?

बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के उमेशनगर स्टेशन ढाला के पास।

2. हादसे में कितने लोगों की मौत हुई?

एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हुई है।

3. मृतकों की पहचान क्या है?

धर्मदेव महतो, रीता देवी, रौशनी कुमारी और आरोही कुमारी — सभी रहूआ गांव के निवासी।

4. हादसे का कारण क्या था?

काली पूजा मेला से लौटते वक्त परिवार रेलवे ट्रैक पार कर रहा था और आम्रपाली एक्सप्रेस की चपेट में आ गया।

5. क्या रेल प्रशासन ने कोई कदम उठाया है?

फिलहाल जांच शुरू की गई है, और मुआवजे की प्रक्रिया पर विचार हो रहा है।

6. क्या यह स्थान पहले भी हादसों का केंद्र रहा है?

हाँ, स्थानीय लोगों के अनुसार यहां कई बार छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं क्योंकि यह रास्ता अनधिकृत है।


निष्कर्ष

बेगूसराय का यह हादसा एक बार फिर इस कड़वी सच्चाई को उजागर करता है कि रेलवे ट्रैक के किनारे सुरक्षा मानकों की अनदेखी ग्रामीण इलाकों में कितनी बड़ी त्रासदी बन सकती है।
सरकार और रेलवे प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे हादसे दोबारा न हों।
इस घटना ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे इलाके को शोक और चेतावनी का संदेश दे दिया है कि सुरक्षा में लापरवाही की कीमत जान देकर चुकानी पड़ सकती है।


🔗 संदर्भ स्रोत: Indian Railways Official Site

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